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Home मनोरंजन

मैं एक निष्पक्ष और भावुक अभिनेता हूं : केके मेनन

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August 16, 2024
in मनोरंजन
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मैं एक निष्पक्ष और भावुक अभिनेता हूं : केके मेनन
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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

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उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

–आईएएनएस

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

–आईएएनएस

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हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

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हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

–आईएएनएस

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

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उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

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हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

–आईएएनएस

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेता केके मेनन ने खुद को एक ‘बेहद भावुक कलाकार बताते हुए कहा कि वह खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखते हैं।

हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

रोहन सिप्पी और श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘शेखर होम’ जिओ सिनेमा प्रीमियम पर स्ट्रीम हो रही है।

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हाल ही में ‘शेखर होम’ सीरीज में नजर आए के के ने कहा, ”मैं चापलूसी नहीं करता, लोग तो सब वैसे ही हैं। आप लोगों को बदल नहीं सकते। मैं खुद को किसी ऊंचे स्थान पर नहीं रखता और न ही मुझे लगता है कि मैं सबसे बुरा हूं। इसलिए यह बीच की बात है। मैं एक निष्पक्ष रूप से भावुक अभिनेता हूं। मैं काम करते समय बहुत भावुक रहता हूं और जिस दिन काम खत्म होता है, मैं निष्पक्ष हो जाता हूं। आप अपना काम ठीक से करने की कोशिश करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

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उन्होंने यह भी बताया कि अभिनय के संदर्भ में प्रभाववाद और अभिव्यक्तिवाद से उनका क्या तात्पर्य है तथा वे स्वयं को एक सिम्युलेटर के रूप में कैसे देखते हैं।

57 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”मैं हमेशा खुद को सिम्युलेटर कहता हूं। अभिनेता, लेकिन सिम्युलेटर, यही मेरा काम है। मैं इस सीरीज में शेखर का किरदार निभा रहा हूं, वह सब एक सिमुलेशन है। मैं ऐसा नहीं हूं कि मैं के के मेनन हूं। यह एक प्रभाव है जो मैं दर्शकों पर डाल रहा हूं।”

उन्होंने अपने काम के प्रति खुद को समर्पित करने के बारे में भी खुलकर बात की।

उन्होंने कहा, “मुझे ये छोटी-छोटी बारीकियां मिलती हैं, जिनका मुझे खुद एहसास नहीं होता। मैंने खुद को उस स्थिति और माहौल के प्रति समर्पित कर दिया है और चीजें अपने आप घटित होती हैं। अगर आप यहां हैं और आप वास्तव में खुद को किरदार और स्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं, तो जादुई चीजें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, ”लोगों द्वारा बनाई गई चीजें अद्भुत हो सकती हैं, लेकिन उनकी अपनी सीमाएं होती हैं। प्रकृति की रचनाएं, जैसे कि पेड़ और पौधे, जादुई होते हैं और उन्हें लोगों द्वारा बनाई गई चीजों से मिलाना मुश्किल है। जब आप किसी काम में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तभी बेहतर काम निकल कर सामने आता है।”

यह सीरीज दो व्यक्तियों की कहानी के बारे में है। जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। इसमें केके एक अजीब आदमी शेखर होम की भूमिका में हैं। वहीं इसमें रणवीर शौरी उनके साथी जयव्रत साहनी की भूमिका निभा रहे हैं।

साथ में वे हत्या और जबरन वसूली से लेकर अकल्पनीय रहस्यों की दुनिया में घूमते हैं। इसमें रसिका दुग्गल और कीर्ति कुल्हारी भी हैं।

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