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मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने के आदेश को स्वीकार नहीं करती : सीएम ममता

by
May 22, 2024
in राष्ट्रीय
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मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने के आदेश को स्वीकार नहीं करती : सीएम ममता
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कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

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इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 22 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी और इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगी।

सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के हरदाहा में एक जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में लगभग 26 हजार नौकरियां रद्द कर दी थीं। मैंने वह आदेश भी स्वीकार नहीं किया था।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा।”

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने पर आदेश पारित किया।

सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के हालिया बयान से जोड़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी यदि सत्ता में आते हैं तो उनकी ओबीसी के लिए कोटा कम करने और मुसलमानों को समान आरक्षण देने की योजना है।

सीएम ममता ने कहा कि पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक ओबीसी का कोटा छीन सकते हैं। क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? अल्पसंख्यक कभी ऐसा नहीं कर सकते।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास की अध्यक्षता में एक सर्वे करने के बाद ओबीसी कोटा सूची तैयार की गई थी। तब भी मामला कोर्ट में था। लेकिन वे हार गये। इस बार भी वही होगा।

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