नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “मैं गौरवान्वित हूं कि मैं विद्यार्थी परिषद का एक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हूं।”
अमित शाह ने कहा कि मुझे चार दशक पहले का समय याद आ रहा है, जब मैं कार्यकर्ता के रूप में पिछली पंक्ति में बैठा करता था। चीन युद्ध के बाद पूर्वोत्तर को देश से जोड़े रखने का कार्य करने में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है। अभाविप वह मूर्ति है, जिसे यशवंतराव केलकर, मदनदास देवी, दत्ताजी डिडोलकर जैसे अनेकों महान शिल्पियों ने 75 वर्षों की इस यात्रा में गढ़ा है। चाहे भाषा व शिक्षा का आंदोलन हो या संस्कृति को बरकरार रखना हो, हर क्षेत्र में विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को ‘स्व’ का महत्त्व बताया है।
विश्व में भारत के बढ़ते क़द के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा यह देश के लिए जीने का समय है, युवा भारत माता को जीवन समर्पित करने के संकल्प के साथ इस अधिवेशन से जाएं और समाज को भी इस दिशा में एकजुट करें।
अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के प्रत्येक ज़िले व विश्वविद्यालय से दस हजार से अधिक छात्रा-छात्र पहुंचे हैं। इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ भी है। इसी उपलक्ष्य पर अभाविप ने गत 28 नवम्बर को महाराष्ट्र के रायगड क़िले से हिन्दवी स्वराज्य यात्रा भी शुरू की थी जो देश के 75 ज़िलों से गुजरते हुए विभिन्न स्थानों की मिट्टी कलश में एकत्रित कर 7 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर समाप्त हुई।
विद्यार्थी परिषद के मुताबिक अधिवेशन में कीर्तिमान स्थापित करते हुए ध्वजारोहण के उपरांत एक साथ 8,500 विद्यार्थियों और 150 दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक वंदे मातरम का गायन किया गया।
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने कहा कि ध्येय की निष्ठा, स्थान की पवित्रता और काल की अनुकूलता पर आयोजित यह अधिवेशन परिषद के कार्यकर्ताओं के लिए महायज्ञ है। अभाविप समय के साथ सतत् अपने ध्येय यात्रा को आगे बढ़ा रहा है।
–आईएएनएस
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