मैसूर, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक पुलिस ने महिष दशहरा के उत्सव को लेकर हुए विवाद के मद्देनजर चामुंडी हिल्स क्षेत्र सहित मैसूर शहर में आईपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त रमेश बनोथ ने गुरुवार को कहा कि 12 अक्टूबर की मध्यरात्रि से 14 अक्टूबर की मध्यरात्रि तक निषेधाज्ञा लागू करने का निर्णय जनहित में लिया गया है।
पुलिस विभाग ने दलित संगठनों और बुद्धिजीवियों द्वारा चामुंडी हिल्स पर महिष दशहरा मनाने की अनुमति मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
पुलिस ने महिष दशहरा समारोह को रोकने के लिए दक्षिणपंथियों और भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा आयोजित ‘चामुंडी हिल चलो’ कार्यक्रम को भी अनुमति देने से इनकार कर दिया। दक्षिणपंथियों का मानना है कि महिष एक राक्षस राजा था, जिसे देवी चामुंडेश्वरी ने मारा था।
प्रगतिशील विचारकों ने बताया कि महिषासुर एक राजा था, जिसे क्षेत्र के लोग बहुत प्यार करते थे और मैसूर शहर का नाम उसी के नाम पर रखा गया था। हालांकि, दक्षिणपंथियों का तर्क है कि महिष दशहरा हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मनाया जाता है।
महिषा दशहरा के समर्थकों का कहना है कि महिषा को एक राक्षस राजा के रूप में पेश करना एक मिथक और निहित स्वार्थों द्वारा की गई विकृति है।
मैसूरु के जिला प्रभारी मंत्री डॉ. एच.सी. महादेवप्पा ने संकेत दिया था कि महिषा दशहरा की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, कांग्रेस सरकार ने इस मुद्दे से खुद को दूर कर लिया और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि सरकार महिष दशहरा नहीं मना रही है।
दिलचस्प बात यह है कि हालांकि भाजपा के प्रताप सिम्हा ने टकराव का रुख अपनाया और कहा कि किसी भी कीमत पर महिष दशहरा समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी, जबकि मैसूर में भाजपा के एससी मोर्चा ने समारोह का समर्थन किया।
इस बीच, मैसूर विश्व प्रसिद्ध दशहरा उत्सव के जश्न की तैयारी कर रहा है, जो दुनियाभर से लगभग 50 लाख लोगों को आकर्षित करता है। राज्य सरकार द्वारा मैसूर दशहरा 15 से 24 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा।
–आईएएनएस
एसजीके
मैसूर, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक पुलिस ने महिष दशहरा के उत्सव को लेकर हुए विवाद के मद्देनजर चामुंडी हिल्स क्षेत्र सहित मैसूर शहर में आईपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त रमेश बनोथ ने गुरुवार को कहा कि 12 अक्टूबर की मध्यरात्रि से 14 अक्टूबर की मध्यरात्रि तक निषेधाज्ञा लागू करने का निर्णय जनहित में लिया गया है।
पुलिस विभाग ने दलित संगठनों और बुद्धिजीवियों द्वारा चामुंडी हिल्स पर महिष दशहरा मनाने की अनुमति मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
पुलिस ने महिष दशहरा समारोह को रोकने के लिए दक्षिणपंथियों और भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा आयोजित ‘चामुंडी हिल चलो’ कार्यक्रम को भी अनुमति देने से इनकार कर दिया। दक्षिणपंथियों का मानना है कि महिष एक राक्षस राजा था, जिसे देवी चामुंडेश्वरी ने मारा था।
प्रगतिशील विचारकों ने बताया कि महिषासुर एक राजा था, जिसे क्षेत्र के लोग बहुत प्यार करते थे और मैसूर शहर का नाम उसी के नाम पर रखा गया था। हालांकि, दक्षिणपंथियों का तर्क है कि महिष दशहरा हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मनाया जाता है।
महिषा दशहरा के समर्थकों का कहना है कि महिषा को एक राक्षस राजा के रूप में पेश करना एक मिथक और निहित स्वार्थों द्वारा की गई विकृति है।
मैसूरु के जिला प्रभारी मंत्री डॉ. एच.सी. महादेवप्पा ने संकेत दिया था कि महिषा दशहरा की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, कांग्रेस सरकार ने इस मुद्दे से खुद को दूर कर लिया और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि सरकार महिष दशहरा नहीं मना रही है।
दिलचस्प बात यह है कि हालांकि भाजपा के प्रताप सिम्हा ने टकराव का रुख अपनाया और कहा कि किसी भी कीमत पर महिष दशहरा समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी, जबकि मैसूर में भाजपा के एससी मोर्चा ने समारोह का समर्थन किया।
इस बीच, मैसूर विश्व प्रसिद्ध दशहरा उत्सव के जश्न की तैयारी कर रहा है, जो दुनियाभर से लगभग 50 लाख लोगों को आकर्षित करता है। राज्य सरकार द्वारा मैसूर दशहरा 15 से 24 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा।
–आईएएनएस
एसजीके