अहमदाबाद, 9 मार्च (आईएएनएस)। ओरेवा ग्रुप ने मोरबी ब्रिज झूला पुल ढहने के पीड़ितों को मुआवजे की पहली किस्त अभी तक जारी नहीं की है, यह बात गुजरात उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कही, हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था।
मच्छू नदी पर बना झूला पुल 30 अक्टूबर को ढह गया था, जिसमें 35 बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी।
ओरेवा समूह के निदेशक जयसुख पटेल के वकील ने अदालत को बताया कि चूंकि वह जेल में है, कंपनी मुआवजे की राशि जारी नहीं कर सकती है, उच्च न्यायालय ने मौखिक रूप से कंपनी से कहा कि 22 मार्च तक पीड़ितों के परिवारों को पहली किस्त का भुगतान किया जाए और मामले को 27 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।
राज्य सरकार ने अदालत में हलफनामा दायर कर अन्य पुलों और क्रॉस-ड्रेनेज कार्यों के लिए उठाए जाने वाले एहतियाती उपायों के बारे में सूचित किया है। इसने अदालत को सूचित किया है कि अब से, मानसून सेट से पहले पहली बार उप कार्यकारी अभियंता स्तर के अधिकारी द्वारा पुलों का निरीक्षण किया जाएगा; निरीक्षणों की उचित फाइल रखी जाएगी; इसके बाद, मानसून से पहले और बाद में कार्यकारी अभियंता अपने संबंधित क्षेत्रों में पुलों की जांच करेंगे।
सरकार ने अदालत को यह भी सूचित किया कि मानसून के बाद विशिष्ट पुलों का अधीक्षण अभियंता द्वारा कई बार निरीक्षण किया जाएगा।
–आईएएनएस
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