लखनऊ, 9 फरवरी (आईएएनएस)। मौनी अमावस्या का पर्व शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इसी मान्यता के चलते अयोध्या, प्रयाग और काशी समेत विभिन्न स्थानों में लाखों श्रद्धालु उमड़े हैं।
काशी में आज सुबह से ही श्रद्धालु गंगा के तट पर स्नान के साथ ही दान और पुण्य करते नजर आ रहे हैं। गंगा स्नान करने के बाद बाबा विश्वनाथ के दरबार में भोले भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। श्रद्धालु मौन होकर मां गंगा में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। अस्सी से राजघाट तक प्रमुख घाटों पर स्नान के इंतजाम किए गए हैं।
सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हैं। शीतला घाट और दशाश्वमेध घाट समेत सभी घाटों पर लोग गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।
एक श्रद्धालू रमा कहती हैं कि घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। मौन रहकर गंगा स्नान किया और मां से सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।
एसपीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक ने बताया कि मौनी अमावस्या को लेकर प्रशासन अलर्ट है। सभी घाटों व चौराहों पर जवानों की ड्यूटी लगी है। रात 3 बजे से ही ड्यूटी लगाई गई है। गोदौलिया चौराहे पर वाहनों की पार्किंग प्रतिबंधित है। महिला पुलिस, एनडीआरएफ व जल पुलिस की टीम भी निगरानी कर रही है।
पूर्वांचल के श्रद्धालुओं का हुजूम प्रयागराज स्नान के बाद अयोध्या में भी उमड़ता है। ऐसे में शुक्रवार व शनिवार को रामनगरी में प्रयागराज से लौटने वाले श्रद्धालुओं का दबाव रहेगा। यहां पहले से ही रोजाना दो लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
सरयू स्नान के लिए गुरुवार की शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया। मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को सुबह चार बजे से ही सरयू स्नान को भक्तों की भीड़ उमड़ने लगेगी।
भीड़ को देखते हुए सरयू घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
उधर प्रयागराज स्थित संगम में लोग डुबकी लगा रहे हैं। संगम समेत कुल 12 घाटों पर आठ हजार रनिंग फीट बनाए गए हैं। महाकुंभ के ट्रायल के तौर पर इस बार माघ मेला का आयोजन हो रहा है। इसलिए इस स्नान पर्व पर विशेष व्यवस्था की गई है।
स्नान घाटों पर महिलाओं के लिए चार हजार से ज्यादा चेंजिंग रूम लगाए गए हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या मनाई जाती है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यतानुसार, अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है।
–आईएएनएस
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