नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को स्वच्छ बनाने की योजना बनाई है लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा घरों से निकलने वाला सीवर की गंदगी है।
दिल्ली में हजारों घरों का सीवेज वाटर यमुना नदी में गिरता है, जिससे तमाम प्रयासों के बावजूद यमुना नदी में गंदगी बनी रहती है।
यमुना नदी को 2025 साल तक पूरा साफ करने का लक्ष्य के लिए अब बाहरी दिल्ली के नजफगढ़ की 39 अनाधिकृत कॉलोनियों में 34 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इसका बड़ा लाभ यह होगा कि यमुना नदी में सीवर ट्रीटमेंट से साफ किया हुआ पानी मिलेगा।
इस परियोजना से करीब 55 हजार लोगों को सीवर की समस्या से भी राहत मिलेगी।
बता दें कि यहां सीवेज को बिना ट्रीट किए ही नालों में बहाया जाता है, जिससे यमुना नदी में गंदा पानी गिरता है। यमुना में गंदा पानी न बहे, इसी को ध्यान में रखते हुए डीजेबी ने सीवर लाइन बिछाने का फैसला लिया है।
दिल्ली जलबोर्ड को नजफगढ़ विधनसभा क्षेत्र की 39 अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाएगी। 41 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना से लोगों के घरों में मुफ्त व्यक्तिगत हाउस सीवर कनेक्शन को स्वीकृति मिली है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीजेबी के अधिकारियों को परियोजना को समयसीमा के अंदर उम्मीदों के अनुरूप बनाने और गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
सिसोदिया ने बताया कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न इलाकों में सीवर लाइन बिछाने और यमुना की सफाई को लेकर चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। दिल्ली को साफ-सुथरा रखने और यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश से मुख्यमंत्री मुफ्त सीवर कनेक्शन योजना के अंतर्गत दिल्ली वासियों को मुफ्त सीवर कनेक्शन सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे हैं। जहां पहले सीवर कनेक्शन लेना बहुत महंगा था। सीवर कनेक्शन लेने के लिए लोगों को विकास, कनेक्शन व रोड कटिंग शुल्क देना पड़ता था। अब इसे निशुल्क कर दिया गया है।
इसका फायदा दिल्ली के लाखों उपभोक्ता उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नजफगढ़ में 1607 घरों को व्यक्तिगत हाउस सीवर कनेक्शन जोड़ा जाएगा। वर्तमान में यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है, जोकि मौजूद नाले से यमुना नदी में गिरता है। इससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है। ऐसे में इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए हर घर को सीवेज से जोड़ा जाएगा। यहां से निकलने वाला सीवरेज, सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी ट्रीटमंट प्लांट में ट्रीट के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा।
–आईएएनएस
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