हैदराबाद, 28 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भारत में उत्पादित दवाएं और चिकित्सा उत्पाद घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाले हों।
मंडाविया ने दो दिवसीय मंथन सम्मेलन ड्रग्स : क्वालिटी रेगुलेशंस एंड एनफोर्समेंट के समापन सत्र में सोमवार को कहा, देश के संघीय लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर, केंद्र और राज्यों दोनों को सद्भाव और तालमेल के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम मजबूत नियामक प्रणाली स्थापित करेंगे।
मंडाविया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि चिंतन शिविर के गहन गोता सत्रों ने सभी हितधारकों को एक मजबूत, लचीले, पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक-अनुकूल दवा नियामक ढांचे के निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि यह ढांचा न केवल गुणवत्ता, बल्कि देश भर में उच्चतम गुणवत्ता वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की आसान उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करेगा।
मंत्री ने कहा, पिछले दो दिनों के दौरान गहन विचार-विमर्श ने सभी प्रतिभागियों को टीम भावना के साथ काम करने का अवसर प्रदान किया ताकि वे दूरंदेशी, समावेशी, समग्र और व्यापक नियामक ढांचे के निर्माण खंडों पर विचार-विमर्श कर सकें, जो दृष्टि निर्धारित करेगा और नीति, प्राथमिकताओं और कार्यान्वयन के तीन स्तरों पर अगले 25 वर्षो में जरूरतों को पूरा करेगा।
मंडाविया ने प्रतिभागियों को उत्साहित करते हुए कहा, हमारा दृष्टिकोण दुनिया के सबसे सम्मानित और मान्यता प्राप्त दवा नियामक के रूप में जाना जाता है। यह तभी हो सकता है जब हम देश में जेनेरिक से गुणवत्ता-जेनेरिक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन की ओर बढ़ेंगे।
सम्मेलन में मांडविया के साथ स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार, रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल और तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव भी शामिल हुए।
–आईएएनएस
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