नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने के मामले की सीबीआई जांच और दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की है। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह हिंदू धर्म को भ्रष्ट और नष्ट करने की साजिश हो सकती है। इसके अलावा उन्होंने कर्नाटक हिंसा पर भी बात की।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद मामले पर उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “पूरे देश में इसके ऊपर बहस होगी। वहां घी के रूप में जो चर्बी गई है तो इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। आखिर यह सब कैसे हुआ, किसने यह गंदा काम किया। इसलिए एक पक्ष तो है कि सीबीआई से जांच हो। दूसरे, यह हिन्दुओं के ऊपर एक प्रहार है क्योंकि इससे पहले जगमोहन रेड्डी के पिता वाईएसआर ने पहले भी हिंदुओं को क्रिश्चियन बनाने में काफी मदद की थी। अब जगमोहन रेड्डी भी यही कर रहे है। तो कहीं न कहीं सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं यह मांग करता हूं यह महज मिलावट का मामला नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म को भ्रष्ट और नष्ट करने का मामला भी है। इसलिए इसमें फांसी की सजा होनी चाहिए। इस तरह के अन्य संस्थानों में भी जहां देवी देवताओं को चढ़ाने के लिए घी आता है, उसकी पहले जांच हो। आज की तारीख में इसके लिए एक मशीन और लैब रखने की जरूरत है।”
इसके अलावा उन्होंने कर्नाटक हिंसा पर बात की जहां पर साम्प्रदायिक तनाव की बात सामने आ रही है।
उन्होंने कहा, “कर्नाटक में अब सरकार नहीं है। अब यहां टीपू सुल्तान की सरकार है। यह कांग्रेस की भी सरकार नहीं है। यह मुस्लिम कांग्रेस की सरकार है। यह मुस्लिम परस्त सरकार है। यहां विकास नहीं होता। विकास में एक ही काम होता है- मूर्तियों का अनावरण। यह इस सरकार का सबसे बड़ा काम है। जब से यह सरकार आई है यहां विकास नाम की कोई चीज नहीं हो रही है। इनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं, लेकिन घोटाले करने के लिए और हिंदुओं को तबाह करने के लिए जरूर ये मुस्लिम परस्त सरकार है।”
उन्होंने कांग्रेस द्वारा भाजपा और आरएसएस की आलोचना करने पर कहा, “अब तो मैं कहूंगा कि कल सिद्धारमैया के घर में अगर कुछ हो जाएगा तो वह उसका कारण भी आरएसएस को ही मानेंगे। आरएसएस और भाजपा नीतिगत काज करती है, सांस्कृतिक काज करती हैं। आपको सोचना है कर्नाटक में राहुल की सरकार रहेगी, मुस्लिम कांग्रेस की सरकार रहेगी जो यहां शरिया कानून स्थापित करेगी या कर्नाटक की संस्कृति के साथ वाली सरकार रहेगी।”
–आईएएनएस
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