नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। उड्डयन नियामक डीजीसीए ने बेंगलुरू हवाईअड्डे पर यात्री कोच में 55 यात्रियों को छोड़कर जाने वाली पहली उड़ान की घटना में पाया कि उचित संचार, समन्वय, सुलह और पुष्टि की कमी जैसी कई गलतियों के कारण अत्यधिक परिहार्य स्थिति उत्पन्न हुई।
डीजीसीए ने मंगलवार को गो फस्र्ट एयरलाइन के जवाबदेह प्रबंधक या मुख्य परिचालन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि क्यों न उनके नियामक दायित्वों की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की जाए।
सोमवार को बेंगलुरु हवाईअड्डे पर पैसेंजर कोच में 55 यात्रियों को छोड़कर जाने वाले सेक्टर बेंगलुरु-दिल्ली पर गो फस्र्ट फ्लाइट जी8-116 की घटना डीजीसीए के संज्ञान में आई और इसने उसी दिन घटना की रिपोर्ट मांगी।
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नियमों के अनुसार, संबंधित एयरलाइन ग्राउंड हैंडलिंग, लोड और ट्रिम शीट की तैयारी, फ्लाइट डिस्पैच और पैसेंजर या कार्गो हैंडलिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है और यह भी सुनिश्चित करें कि यात्री प्रबंधन में लगे सभी ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ यात्रियों की सहायता के लिए संवेदनशीलता, शिष्टाचार, व्यवहार और प्रक्रियाओं के लिए समय-समय पर सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण से गुजरते हैं।
हालांकि, नियामक ने पाया कि एयरलाइन मामले में संबंधित नियमों का पालन करने में विफल रही।
एविएशन रेगुलेटर ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। डीजीसीए ने कहा, नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने के लिए उन्हें डीजीसीए को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
–आईएएनएस
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