लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।
–आईएएनएस
एचएमए
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च (आईएएनएस)। लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया।