नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लेटफार्म रेडबस भारत की आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर “रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन्स” अभियान शुरू करने जा रहा है।
आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
इस अवसर का सम्मान करने के लिए रेडबस अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता भी चला रहा है। जहां भारत के इतिहास से जुड़े उपयोगकर्ताओं को 5000 रुपये तक जीतने का मौका मिलता है।
रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
–आईएएनएस
एमकेएस/एसकेपी
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लेटफार्म रेडबस भारत की आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर “रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन्स” अभियान शुरू करने जा रहा है।
आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
इस अवसर का सम्मान करने के लिए रेडबस अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता भी चला रहा है। जहां भारत के इतिहास से जुड़े उपयोगकर्ताओं को 5000 रुपये तक जीतने का मौका मिलता है।
रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लेटफार्म रेडबस भारत की आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर “रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन्स” अभियान शुरू करने जा रहा है।
आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
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रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
इस अवसर का सम्मान करने के लिए रेडबस अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता भी चला रहा है। जहां भारत के इतिहास से जुड़े उपयोगकर्ताओं को 5000 रुपये तक जीतने का मौका मिलता है।
रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
–आईएएनएस
एमकेएस/एसकेपी
नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लेटफार्म रेडबस भारत की आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर “रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन्स” अभियान शुरू करने जा रहा है।
आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
इस अवसर का सम्मान करने के लिए रेडबस अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता भी चला रहा है। जहां भारत के इतिहास से जुड़े उपयोगकर्ताओं को 5000 रुपये तक जीतने का मौका मिलता है।
रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लेटफार्म रेडबस भारत की आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर “रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन्स” अभियान शुरू करने जा रहा है।
आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
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इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लेटफार्म रेडबस भारत की आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर “रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन्स” अभियान शुरू करने जा रहा है।
आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
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रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
इस अवसर का सम्मान करने के लिए रेडबस अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता भी चला रहा है। जहां भारत के इतिहास से जुड़े उपयोगकर्ताओं को 5000 रुपये तक जीतने का मौका मिलता है।
रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
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रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
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बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
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रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
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आज के समय के भारतीय अपने इतिहास, स्थानीय नायकों से कम ही जुड़े होते हैं। उन्हें उनके कामों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, खासकर ऐसे नायकों के बारे में जिन्होंने शहरों, कस्बों और सड़कों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस नई पहल का मकसद उन महत्वपूर्ण मार्गों को सम्मान देने के साथ उसे उजागर करना भी है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए, 1931 में, 100 बैलगाड़ियों में 4,000 से अधिक किसानों ने कृषि करों का विरोध करने के लिए मद्दुरू से बैंगलोर (अब बेंगलुरु) तक मार्च किया।
बाल गंगाधर तिलक को 1908 में गिरफ्तारी के बाद सड़क मार्ग से पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) ले जाया गया और फिर बाद में उन्हें मांडले (अब बर्मा) भेज दिया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया।
1857 का विद्रोह तब शुरू हुआ जब मेरठ में तैनात सिपाहियों ने सड़क मार्ग से दिल्ली की ओर कूच किया, जिससे वह चिंगारी भड़क उठी जिसे अब भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहा जाता है।
इतिहास के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ते हुए रेडबस ने इंस्टाग्राम पर एक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) फिल्टर भी विकसित किया है।
यह नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को भारत में किसी भी सड़क को स्कैन करने और एक ऐसी यात्रा में शामिल होने की अनुमति देती है जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिकाओं को बयां करती है।
रेडबस ने गूगल माय मैप्स का भी लाभ उठाया है, जहां इसने भारत भर में 47 ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों को प्रदर्शित किया है, जिसने देश की स्वतंत्रता की यात्रा में योगदान दिया। यह मानचित्र छोटे एनिमेटेड वीडियो और सूचना कार्ड के माध्यम से एक आकर्षक जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोगकर्ता इंस्टाग्राम फिल्टर खोल सकते हैं और भारत में किसी भी सड़क की सतह को स्कैन कर सकते हैं। इसमें भारत का एक नक्शा दिखाई देगा जिसमें 47 प्रमुख मार्ग दर्शाए जाएंगे। उपयोगकर्ता किसी भी मार्ग पर क्लिक कर सकते हैं और एक ऐसी यात्रा पर निकल सकते हैं जो प्रमुख मार्गों की कहानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को बयां करती है।
इस अवसर का सम्मान करने के लिए रेडबस अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता भी चला रहा है। जहां भारत के इतिहास से जुड़े उपयोगकर्ताओं को 5000 रुपये तक जीतने का मौका मिलता है।
रेडबस की सीएमओ पल्लवी चोपड़ा ने कहा, “सड़कें हमारे अतीत का मार्ग हैं और हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की गवाह हैं और हमारा ‘रूट टू 47: रोड्स ऑफ इंडियाज रिवोल्यूशन’ अभियान इन सड़कों और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में उनकी बड़ी भूमिका का जश्न मनाता है।”
यह अभियान एक ऐसा मनोरंजक सफर है जिसमें युवाओं के साथ सभी को जोड़ने और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडबस इन ऐतिहासिक कहानियों को इस तरह से जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक एआर तकनीक का लाभ उठा रहा है जो सभी के लिए सुलभ और आकर्षक हो।