नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)। वित्त मंत्रालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा में कहा कि युवा बेरोजगारी दर में गिरावट आई है और युवा आबादी की बड़ी हिस्सेदारी वाले राज्य इसका कारण हैं।
वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट से कुछ ही दिन पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा में कहा कि राज्य स्तर पर युवा बेरोजगारी दर में गिरावट का नेतृत्व युवा आबादी की बड़ी हिस्सेदारी वाले राज्यों ने किया है, जैसे कि उत्तर प्रदेश (के साथ) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 2021 के जनसंख्या अनुमान के अनुसार 6.9 करोड़ युवा), बिहार (3.5 करोड़ युवाओं के साथ), और मध्य प्रदेश (2.3 करोड़ युवाओं के साथ)।
उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की युवा बेरोजगारी दर 2017-18 में 16.7 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 7 प्रतिशत हो गई है, साथ ही इसी अवधि में युवा एलएफपीआर 33.7 प्रतिशत से बढ़कर 41.4 प्रतिशत हो गई है।
इस प्रकार, युवाओं को बढ़ावा देने वाले राज्य भी युवा रोजगार में वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में युवा आबादी के साथ-साथ युवा रोजगार भी बढ़ रहा है।
पीएलएफएस के अनुसार, युवा (आयु 15-29 वर्ष) बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 10 प्रतिशत हो गई है, जबकि युवा एलएफपीआर 38.2 प्रतिशत से बढ़कर 44.5 प्रतिशत हो गया है।
समीक्षा में कहा गया है कि इन छह वर्षों में नियोजित युवाओं का अनुपात 31 प्रतिशत से बढ़कर 40.1 प्रतिशत हो गया है, जो जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बावजूद एक बड़ी आबादी वाले देश के लिए एक उपलब्धि है।
–आईएएनएस
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