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यूआईडीएआई ने निशुल्क आधार अपडेट योजना 14 दिसंबर तक बढ़ाई

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September 14, 2024
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यूआईडीएआई ने निशुल्क आधार अपडेट योजना 14 दिसंबर तक बढ़ाई
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

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यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

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पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

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आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

ऑनलाइन जमा करने पर, व्यक्ति को अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा।

यूआईडीएआई ने कहा कि इस सुविधा का लाभ अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी उठा सकते हैं।

एनआरआई जब भी भारत में हों, ऑनलाइन माध्यम से या आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को अपनी मुफ्त आधार अपडेट योजना को 14 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।

पहले यह तिथि 14 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद ‘मायआधार’ पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और प्रोफाइल में बदलाव करने के लिए शुल्क देना पड़ता था।

यूआईडीएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यूआईडीएआई ने मुफ्त ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड सुविधा 14 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।”

इसमें कहा गया है कि इस कदम से लाखों आधार संख्या धारकों को लाभ मिलेगा।

यूआईडीएआई लोगों को अपने आधार में दस्तावेजों को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं किया है।

यदि आवश्यक हो तो वे अपनी जानकारी की समीक्षा और संशोधन कर सकते हैं।

आधार संख्या व्यक्तिगत बायोमेट्रिक्स से जुड़ी होती है और यह भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करती है। यह प्रणाली नकली या छद्म पहचानों की पहचान करने और उन्हें हटाने में भी मदद करती है।

लोगों से अपील की गई है कि वे कम से कम 10 वर्ष में एक बार आधार कार्ड में दस्तावेजों को एक बार जरूर अपडेट करा लें।

कोई भी व्यक्ति राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पासबुक जैसे दस्तावेजों के माध्यम से ‘मायआधार’ पोर्टल पर अपने विवरण को अपडेट कर सकता है।

ये दस्तावेज ‘मायआधार’ पोर्टल या किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जमा किए जा सकते हैं।

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यूआईडीएआई के अनुसार, नवजात शिशु को भी “जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार नंबर देकर” आधार के लिए नामांकित किया जा सकता है। लेकिन उनके आधार बायोमेट्रिक को 5 से 15 साल के बीच अपडेट किया जाना चाहिए।

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