संयुक्त राष्ट्र, 23 दिसम्बर (आईएएनएस)। आतंकवाद व संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर फोकस करने के साथ ही भारत का सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल और इसकी अध्यक्षता का महीना पूरा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने गुरुवार को कहा कि इस दौरान दुनिया के कई देशों ने भारत के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस मौके पर उन्होंने 1 अरब 40 करोड़ भारतीयों की ओर से सुरक्षा परिषद में विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात कही।
कंबोज ने कहा, विकासशील देशों के लिए विशेष महत्व के मुद्दों को उजागर करते हुए हम अपने कार्यकाल के दौरान ग्लोबल साउथ की आवाज भी थे। दो वर्षों के दौरान हमने शांति, सुरक्षा और समृद्धि के समर्थन में बात की। हम आतंकवाद जैसे मानवता के साझा दुश्मनों के खिलाफ आवाज उठाने में संकोच नहीं करते थे।
उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने परिषद के कार्यकाल के बारे में कहा था कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और अनुभव का उपयोग पूरी दुनिया के लाभ के लिए करेंगे।
भारत ने परिषद में अपना कार्यकाल जनवरी 2021 में कोविड महामारी के बीच शुरू की। अगस्त तक टी.एस. तिरुमूर्ति परिषद में स्थायी प्रतिनिधि के रूप में सेवा की। उसके बाद कंबोज स्थायी प्रतिनिधि बनीं।
भारत परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति का अध्यक्ष है और उसने अक्टूबर में मुंबई और नई दिल्ली में इसकी एक विशेष बैठक बुलाई, ताकि सदस्यों को वहां देखी गई आतंकवाद की भयावहता से अवगत कराया जा सके।
इस महीने विदेश मंत्री ने परिषद सहित बहुराष्ट्रीय संगठनों में सुधार और आतंकवाद से लड़ने पर परिषद की दो उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की। दोनों बैठकों की सराहना की गई।
उन्होंने कहा कि ध्रुवीकृत परिषद का नेतृत्व करते हुए कई हित आपस में टकराते हैं, लेकिन इसके अध्यक्ष को इन सबसे ऊपर, यहां तक कि अपनी राष्ट्रीय स्थिति से भी तटस्थता बनाए रखना पड़ता है, जो एक मुश्किल काम है।
लेकिन भारत ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और चुनौती स्वीकार की।
कंबोज ने बताया कि ऑस्ट्रिया के स्थायी प्रतिनिधि अलेक्जेंडर मार्शिक ने कहा कि जब आपने संयुक्त राष्ट्र के लिए अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं व राष्ट्रीय हित के विचारों को एक तरफ रख दिया, तो हमारा देश प्रभावित हुआ।
रूसी मिशन की दूसरी सचिव नादेज्दा सोकोलोवा ने कहा, सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत ने बहुपक्षीय कूटनीति के उच्चतम मानकों का प्रदर्शन किया और बुद्धिमान और संतुलित निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित किया। अध्यक्ष के रूप में बहुत कुछ हासिल करने में कामयाब रहे। अपने काम के प्रति इमानदारी के लिए धन्यवाद।
बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि मुहम्मद अब्दुल मुहिथ ने कहा, इस पूरे महीने में परिषद के काम को कुशलता से संचालित करने के लिए रुचिरा को धन्यवाद।
सभी देशों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर फोकस करने के लिए भारतीय नेतृत्व की प्रशंसा की।
परिषद में भारत को ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों की आवाज के रूप में भी देखा जाता था।
संयुक्त अरब अमीरात के उप स्थायी प्रतिनिधि मोहम्मद अबुशहाब ने कहा कि उनका देश ग्लोबल साउथ के लिए भारत की लगातार वकालत को महत्व देता है।
संयुक्त अरब अमीरात ने परिषद में भारत के साथ सेवा की।
उन्होंने कहा, हम विशेष रूप से आतंकवाद पर अपनी साझेदारी को महत्व देते हैं और अगले महीने आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी आपसे ले लेंगे। हम जटिल चुनौतियों और संकटों का सामना कर रहे हैं।
मोरक्को के स्थायी प्रतिनिधि उमर हिलाले ने कहा कि भारत परिषद में अपने पूरे समय के दौरान आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए बहुत महत्व रखता था।
जापान के प्रतिनिधि ने इस महीने परिषद में सुचारु अध्यक्षता के लिए कंबोज की प्रशंसा की।
दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि ने कहा कि पांच स्थायी सदस्यों के वर्चस्व वाले निकाय में निर्वाचित सदस्य सुरक्षा परिषद के काम में रंग लाते हैं और यह दिसंबर में भारत द्वारा आयोजित हस्ताक्षर कार्यक्रमों में देखा गया।
चिली के प्रतिनिधि ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार के संबंध में भारत द्वारा बुलाई गई बैठक बहुत महत्वपूर्ण थी। ऐसा होने पर सुरक्षा परिषद की प्रासंगिकता और बढ़ जाएगी।
–आईएएनएस
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