नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक में भारत फिसलकर 43वें स्थान पर आ गया है।
भारत 2022 के लिए 55 देशों में 43वें स्थान पर है। 2021 में यह सूचकांक में 40वें स्थान पर था। इंडेक्स को यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर द्वारा लॉन्च किया गया और भारत सरकार द्वारा इसकी बारीकी से निगरानी की जाती है।
सूचकांक ने अपनी खोज में कहा है कि प्रस्तावों की धारा- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों- बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों को खत्म करने की धमकी दे रही है। वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय आईपी सूचकांक दुनिया की 55 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आईपी अधिकारों की सुरक्षा का मूल्यांकन करता है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 90 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
रिपोर्ट में पेटेंट और कॉपीराइट कानूनों से लेकर आईपी संपत्तियों के मुद्रीकरण की क्षमता और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के अनुसमर्थन तक सब कुछ शामिल है। वैश्विक बाजारों में आईपी परि²श्य का विश्लेषण करके, सूचकांक का उद्देश्य राष्ट्रों को अधिक नवीनता, रचनात्मकता और प्रतिस्पर्धात्मकता द्वारा चिह्न्ति उज्जवल आर्थिक भविष्य की ओर नेविगेट करने में मदद करना है।
वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पैट्रिक किलब्राइड ने कहा- जैसे-जैसे भारत का आकार और आर्थिक प्रभाव विश्व मंच पर बढ़ता है, भारत आईपी-संचालित नवाचार के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को बदलने की मांग करने वाले उभरते बाजारों के लिए नेता बनने के लिए तैयार है।
भारत ने कॉपीराइट-उल्लंघन सामग्री के खिलाफ प्रवर्तन में सुधार के लिए कदम उठाए हैं और आईपी संपत्तियों की बेहतर समझ और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सर्वोत्तम-इन-क्लास ढांचा प्रदान करता है। हालांकि, इसके आईपी ढांचे में लंबे समय से चली आ रही खामियों को दूर करना इस क्षेत्र के लिए एक नया मॉडल बनाने की भारत की क्षमता और भारत की निरंतर आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होगा।
–आईएएनएस
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