लखनऊ, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) की ग्रैंड सक्सेस से उत्साहित योगी सरकार अब इसी तरह के ट्रेड शो मंडल स्तर पर आयोजित करने को लेकर तैयारी में जुट गई है। शुरुआती स्तर पर 5 मंडलीय मुख्यालयों में ट्रेड शो का आयोजन कराया जा सकता है। जल्द ही सभी मंडलीय मुख्यालयों में ट्रेड शो के आयोजन की व्यवस्था भी की जा सकती है।
इसकी जानकारी गुरुवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस वार्ता में एमएसएमई विभाग के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने दी। इस दौरान, इंटरनेशनल ट्रेड शो के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया गया और आभार जताया गया।
उन्होंने बताया कि ‘यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो’ की ग्रैंड सक्सेस से उत्साहित योगी सरकार अब इसी तरह के ट्रेड शो मंडल स्तर पर आयोजित करने को लेकर तैयारी में जुट गई है। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि ‘यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो’ के द्वितीय संस्करण ने सभी अपेक्षाओं से आगे जाकर उत्तर प्रदेश के व्यापार और औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय लिखा है। 2023 में हुए पहले संस्करण की तुलना में दूसरे संस्करण ने नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे ‘यूपीआईटीएस’ भारत के प्रमुख व्यापार आयोजनों में से एक के रूप में स्थापित हो गया है।
उन्होंने बताया कि अब इस तरह के ट्रेड शो का आयोजन मंडल मुख्यालयों में भी किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है। शुरुआती स्तर पर पांच मंडल मुख्यालयों में ट्रेड शो का आयोजन कराया जा सकता है, जबकि जल्द ही सभी मंडल मुख्यालयों में ट्रेड शो के आयोजन की व्यवस्था की जा सकती है। उत्तर प्रदेश अपना खुद का इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित करने वाला पहला राज्य है। ट्रेड शो में ओडीओपी के 350 स्टॉल लगाए गए। विभिन्न उद्योगों जैसे एमएसएमई, कृषि, रक्षा और वस्त्र उद्योग के भी वहां पर स्टॉल लगे। कुल मिलाकर 10 हजार करोड़ रुपए की इंक्वायरी और लीड्स मिली है।
उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कारीगरों को जो इतना बड़ा प्लेटफार्म मिला है, उसी का नतीजा है कि जूट का थैला बनाने वालों को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिल गया। इसी तरह, वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला। निश्चित तौर पर हमारे जो हस्तशिल्प हैं, एमएसएमई हैं, उनके उत्पादों को एक बड़ा बाजार हमारी सरकार ने दिया है, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का संकल्प पूरा होगा।
प्रमुख सचिव, एमएसएमई आलोक कुमार ने बताया कि इस प्रोग्राम के दो उद्देश्य थे। पहला छोटे उद्योगों को इंटरनेशनल लेवल का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना और दूसरा हमारे क्राफ्ट, कुजीन और कल्चर से दुनिया को परिचित कराना था। भारत के बहुत सारे ब्रांड तो पहले से ही विदेशों में हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश का ब्रांड नहीं है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा इरादा उत्तर प्रदेश को शोकेस करना भी था। अब हमारा प्रयास मंडल स्तर पर इस तरह के आयोजन करने का है। इसमें भले ही इंटरनेशनल बायर्स बड़ी संख्या में नहीं आएं, लेकिन प्रदेश के बाहर के बायर्स इसमें हिस्सा ले सकेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को लैंड लॉक से ज्यादा माइंड लॉक स्टेट मान लिया गया है, क्योंकि हम अपने ही बाजार को देखते हैं। जो बाहर के बाजारों की पोटेंशियल है, जहां से हम ज्यादा पैसा कमा सकते हैं, इसके लिए हमने अब तक आक्रामक तरीके से मार्केटिंग नहीं की है। इस ट्रेड शो के माध्यम से यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा। हम लोग आगरा, वाराणसी और लखनऊ में तीन यूनिटी मॉल स्थापित कर रहे हैं। यहां पर हम आर्टिजन के प्रोडक्ट्स को जगह देंगे। इसके साथ ही बरेली में भी हमने स्मार्ट सिटी के माध्यम से एक मॉल लिया है, जिसको ऑपरेशनल करने वाले हैं, जबकि नोएडा में ऑलरेडी हमारी व्यवस्था पहले से ही है। इस तरह पांच मंडलों में हमने व्यवस्था कर ली है और हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि हर मंडलीय मुख्यालय में इस तरह का एक एग्जिबिशन सेंटर बने।
–आईएएनएस
एससीएच/एबीएम