लखनऊ, 11 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को अलीगढ़ से चार संदिग्ध आईएसआईएस आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
इनमें से एक आतंकी राकिब इमाम को अलीगढ़ से और नवेद सिद्दकी, नोमान व मो. नाजिम को संभल से गिरफ्तार किया गया है। एटीएस के हत्थे चढ़े चारो आतंकी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से बी टेक और बीएससी में स्नातक हैं और आईएसआईएस मॉड्यूल के सक्रिय सदस्य के तौर पर काम कर रहे थे। इनके पास से जेहादी साहित्य समेत कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुई हैं। एटीएस इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
आरोपियों की पहचान रकीब इमाम अंसारी (29), नावेद सिद्दीकी (23), मोहम्मद नोमान गफ्फार (27) और मोहम्मद नाज़िम (33) के रूप में हुआ है। चारो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से बी.टेक और बी.एससी में स्नातक हैं।
एटीएस ने कहा कि चारों छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और आईएसआईएस से जुड़े थे और कथित तौर पर राज्य भर में आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहे थे।
विशेष डीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि आरोपी आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित थे और राज्य में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने आईएसआईएस आकाओं से निर्देश ले रहे थे।
एटीएस ने उनके पेन ड्राइव से आईएसआईएस और भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा (एक्यूआईएस) से संबंधित प्रचार सामग्री बरामद की। एटीएस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए चारों लोगों के नाम अरसलान और तारिक से पूछताछ के दौरान सामने आए, जिन्हें पहले 6 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
बाद में 8 नवंबर को एक अन्य संदिग्ध वजीहुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। उसने एएमयू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की है। एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक मॉड्यूल के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ”उनके मॉड्यूल और ऑपरेशन के बारे में अधिक जानने के लिए सभी सातों का एक साथ सामना कराया जाएगा।”
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा शाहनवाज आलम और रिजवान अशरफ की गिरफ्तारी के बाद अरसलान और तारिक के नाम पहली बार सामने आए थे। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एसएएमयू) के छात्रों से जुड़े थे।
एटीएस ने कहा कि इस छात्र संगठन के कुछ सदस्य आईएसआईएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले हैं। आलम और अशरफ आत्म-कट्टरपंथी थे और उन्होंने खुलासा किया था कि वे 2 अक्टूबर को अयोध्या, दिल्ली के अक्षरधाम और मुंबई के चबाड हाउस में हमले की योजना बना रहे थे।
अशरफ कथित तौर पर एक विदेशी-आधारित हैंडलर और मॉड्यूल के शेष सदस्यों के साथ संचार में था और उसने आईएसआईएस में शामिल होने का संकल्प लिया था।
–आईएएनएस
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