लखनऊ, 2 मार्च (आईएएनएस)। यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आयुष प्रवेश घोटाले के सिलसिले में मिर्जापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मालिक को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पिछले साल नवंबर से अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
संतोषी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर की निदेशक डॉ. रितु गर्ग को उनके वारणसी आवास से गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ के एक अधिकारी ने कहा, उन पर अरोप है कि आयुर्वेद के पूर्व निदेशक एस.एन. सिंह व काउंसलिंग प्रभारी उमाकांत यादव के साथ मिलीभगत कर नीट की मेरिट लिस्ट में धोखाधड़ी कर अपात्र उम्मीदवारों को प्रवेश दिया।
मामले में जांच से पता चला कि 932 छात्रों को योग्यता के प्राकृतिक क्रम का पालन किए बिना प्रवेश दिया गया था।
अधिकारी ने कहा कि नीट मेरिट लिस्ट में फजीर्वाड़ा कर डॉ. गर्ग के निजी कॉलेज में 100 से अधिक गैर-योग्य उम्मीदवारों को प्रवेश दिया गया था। कई छात्र तो इस संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे।
इससे पहले एसटीएफ प्रोफेसर डॉ. एस.एन. सिंह व प्रभारी अधिकारी, शिक्षा निदेशालय (आयुर्वेद सेवाएं) उमाकांत यादव सहित 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। दोनों को 12 अन्य लोगों के साथ पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि होम्योपैथी, आयुर्वेद और यूनानी महाविद्यालयों में 7,338 सीटों पर अभ्यर्थियों के चयन के लिए 2021 में काउंसलिंग की गई थी। आयुष के तहत सरकारी और निजी कॉलेजों की सीटों को मिलाकर कुल 6,797 सीटें आवंटित की गईं।
इसमें 982 आवंटन संदिग्ध पाए गए। इन 982 नामों में नौ ऐसे भी शामिल हैं जिन्होंने कभी नीट की परीक्षा भी नहीं दी, लेकिन उन्हें कॉलेजों में सीटें आवंटित हो गईं।
2021 बैच के सभी 982 छात्रों को आयुर्वेद निदेशालय द्वारा निलंबित कर दिया गया था और गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा देने से रोक दिया गया था।
–आईएएनएस
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