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Home ताज़ा समाचार

यूपी : औद्योगिक विकास मंत्री नंदी ने यूपीसीडा के विकास कार्यों की समीक्षा की

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October 21, 2024
in ताज़ा समाचार
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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

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समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

–आईएएनएस

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

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समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

–आईएएनएस

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

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मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

–आईएएनएस

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लखनऊ , 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सोमवार को पिकप भवन सभागार लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नंदी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने और उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को आवंटित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष 50 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने और 25 हजार एकड़ भूमि उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। जिसके लिए अभी से लग जाएं। लैंड अलॉटमेंट में तेजी लाएं। साथ ही पुरानी जमीन के अलॉटमेंट का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर महेश्वरी के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं औद्योगिक क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने और उनकी जमीनें खाली पड़े होने पर नाराजगी जताई। साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जमीनें खाली पड़ी हैं। इंडस्ट्री बंद है, ऐसी जमीनों का उपयोग करने के लिए उद्यमियों को बाई बैक पॉलिसी की जानकारी दी जाए और री-अलॉटमेंट कराने का भी प्रयास किया जाए। बंद हो चुकी फैक्ट्री को पुनः चालू करने और उद्यमी को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए ही बाय बैक पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत उद्यमी बंद हो चुकी फैक्ट्री यूपीसीडा को वापस कर सकता है, जिसके बदले में यूपीसीडा द्वारा वर्तमान दर की 60 प्रतिशत धनराशि आवंटी को भुगतान किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां निष्प्रयोज्य भूमि का प्रयोग होगा, वहीं आवंटी को नुकसान भी नहीं होगा। उद्यमियों की सुविधा के लिए ओटीएस स्कीम लाए जाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका और विभिन्न निकाय क्षेत्र के अधीन होने के कारण औद्योगिक विकास क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़क, बिजली, पानी, सीवर के साथ ही आए दिन साफ-सफाई की समस्या बनी रहती थी। जिसे समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में अनुच्छेद 243 क्यू लागू कर दिया है। जिसके तहत अब सभी औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए नगर निगम, नगर पालिका और सम्बंधित निकाय क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे। बल्कि अब यूपीसीडा को ही औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमियों से टैक्स वसूलने के साथ ही उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री नंदी ने आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना लीज डीड के और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के बारे में जब पूछा, तो कोई भी क्षेत्रीय प्रबंधक जवाब नहीं दे सका। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ कार्य करें और मानचित्र पास कराए बगैर संचालित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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