लखनऊ, 5 जुलाई (आईएएनएस)। 60 महिलाओं समेत 250 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का विरोध किया है।
मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
–आईएएनएस
एमकेएस/एसकेपी
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लखनऊ, 5 जुलाई (आईएएनएस)। 60 महिलाओं समेत 250 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का विरोध किया है।
मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
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दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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लखनऊ, 5 जुलाई (आईएएनएस)। 60 महिलाओं समेत 250 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का विरोध किया है।
मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
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दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
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रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
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दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
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दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।
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मंगलवार को पार्टी की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गठबंधन से उत्तर प्रदेश में पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सात घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की अध्यक्षता यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने की। बैठक में कोई केंद्रीय नेता मौजूद नहीं था।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन से कांग्रेस का नेतृत्व आगे नहीं बढ़े़ेगा। एक सपा विरोधी मतदाता कांग्रेस विरोधी भी बन जाता है।
गठबंधन मदद करने के बजाय हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इसको देखते हुुए पार्टी को उम्मीद रखनी चहिए।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पार्टी बैठक के लिए कोई संदेश तक नहीं भेजा। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका को यूपी का दौरा किए एक साल हो गया है।
रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ प्रियंका गांधी ही थीं, जिन्होंने राहुल गांधी द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दिया था। गठबंधन विनाशकारी साबित हुआ और चुनाव के तुरंत बाद टूट गया।