लखनऊ, 22 फरवरी (आईएएनएस)। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (केएमसी) भाषा विश्वविद्यालय के छात्र बुधवार को भी वार्डन को हटाने की मांग करते रहे, जिन्होंने कथित तौर पर उन्हें 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाने से रोका था, जबकि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने मामले की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है।
विरोध पर छात्रों ने आरोप लगाया कि वार्डन आजम अंसारी ने छात्रावास परिसर से शिवाजी की तस्वीर को जबरन हटा दिया। अंसारी की दलील थी कि छात्रों ने सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं मांगी थी और इसलिए वह छात्रावास के खुले स्थान पर इस तरह के समारोह के खिलाफ थे।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना पर संज्ञान लिया और एक ट्वीट में कहा, मुझे इसके बारे में बताया गया है। छात्रों को इसे मनाने का अधिकार है। हम इस पर गौर करेंगे।
इस बीच, कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी। उन्होंने अंसारी को वार्डन के पद से भी फिलहाल के लिए हटा दिया है।
कुलपति ने कहा- हम मामले की जांच कर रहे हैं। स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए, अंसारी को वार्डन की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। छात्रों का बयान दर्ज किया जाएगा और अंसारी को अपनी बात रखने का मौका भी दिया जाएगा। हम अपने नायकों की जयंती मनाने के खिलाफ नहीं हैं।
इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें छात्र छात्रावास के कॉमन एरिया में शिवाजी जयंती मनाने की तैयारी करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में अंसारी को कथित तौर पर छात्रों से इस तरह के समारोह आयोजित करने से पहले उचित अनुमति लेने के लिए कहते देखा जा सकता है।
–आईएएनएस
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