लखनऊ, 6 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की कैबिनेट ने मंगलवार को स्थानांतरण नीति 2023-24 को मंजूरी दे दी। इसमें समूह क और ख के उन अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाएंगे, जिन्होंने जिले में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
योगी कैबिनेट ने मंगलवार को सीएम आवास पर आयोजित कैबिनेट बैठक में 2023-2024 के सत्र के लिए नई तबादला नीति को हरी झंडी दे दी है। अब 30 जून तक अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले किए जा सकेंगे। इसके अलावा गृह, शिक्षा, पर्यटन और परिवहन समेत कई अन्य विभागों के प्रस्ताव भी पास किये गए हैं।
जानकारी के अनुसार, योगी कैबिनेट ने डक्ट नीति को भी मंजूरी दे दी है। सड़क के दोनो तरफ यूटिलिटी सर्विस के लिए डक्ट का निर्माण करना जरूरी होगा। इसके साथ ही 6 निजी यूनिवर्सिटी बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।
फैसलों की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने यह भी बताया कि स्थानांतरण सत्र में किसी भी तरह के तबादले विभागीय मंत्री की मंजूरी से ही होंगे।
बताया कि स्थानांतरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जाएगी। स्थानांतरण सत्र के बाद अब समूह क के साथ ही समूह ख के कार्मिकों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेकर ही हो सकेंगे।
समूह क और ख के स्थानांतरण संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग व घ के कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक की सीमा तक ही किए जा सकेंगे। समूह ग व घ के संवर्गवार 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किए जा सकेंगे। इसके तहत सर्वाधिक समय से कार्यरत कार्मिकों के स्थानांतरण प्राथमिकता पर किए जाएंगे।
मंदित बच्चों और चलने-फिरने से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प लेकर ऐसे स्थान पर किए जाने की व्यवस्था की गई है, जहां उसकी उचित देखभाल और इलाज की समुचित व्यवस्था हो।
भारत सरकार की ओर से घोषित आकांक्षी जिलों फतेहपुर, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, चंदौली व सोनभद्र, 34 जिलों के 100 विकास खंडों और बुंदेलखंड के सभी जिलों में तैनाती करके संतृप्तीकरण किए जाने की व्यवस्था की गई है। यानी, इन जिलों व विकास खंडों में कोई भी पद खाली नहीं रहेगा।
–आईएएनएस
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