deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home अर्थजगत

यूपी बनेगा फार्मा का हब, योगी सरकार ला रही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी

by
June 15, 2023
in अर्थजगत
0
यूपी बनेगा फार्मा का हब, योगी सरकार ला रही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

READ ALSO

झारखंड सरकार ने 16वें वित्त आयोग से करों में हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की

उम्मीद से अच्छे जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े, चालू वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था : अर्थशास्त्री

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की। वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी।

यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।

उन्होंने बताया कि, नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को लेकर विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।

नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान और पार्क विकसित करना है।

मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28,402 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

Related Posts

झारखंड सरकार ने 16वें वित्त आयोग से करों में हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की
अर्थजगत

झारखंड सरकार ने 16वें वित्त आयोग से करों में हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की

May 30, 2025
उम्मीद से अच्छे जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े, चालू वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था : अर्थशास्त्री
अर्थजगत

उम्मीद से अच्छे जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े, चालू वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था : अर्थशास्त्री

May 30, 2025
धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के मास्टर प्लान से बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ लोगों को मिलेगा उच्च स्तरीय जीवन
अर्थजगत

धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के मास्टर प्लान से बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ लोगों को मिलेगा उच्च स्तरीय जीवन

May 30, 2025
अर्थजगत

भारत की जीडीपी ग्रोथ जनवरी-मार्च अवधि में बढ़कर 7.4 प्रतिशत रही

May 30, 2025
भारतीय झींगा निर्यातकों को वित्त वर्ष 2026 में 2-3 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान : क्रिसिल
अर्थजगत

भारतीय झींगा निर्यातकों को वित्त वर्ष 2026 में 2-3 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान : क्रिसिल

May 30, 2025
अर्थजगत

केंद्र ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रेडियो उपकरणों की अवैध बिक्री की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश किए जारी

May 30, 2025
Next Post
दिसंबर में पद छोड़ देंगी फीफा महासचिव फातमा समौरा

दिसंबर में पद छोड़ देंगी फीफा महासचिव फातमा समौरा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

[email protected]

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

082938
Total views : 5883397
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In