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यूपी मंत्री दया शंकर सिंह का पत्नी स्वाति सिंह से तलाक, टूटा 22 साल पुराना रिश्ता

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April 4, 2023
in राष्ट्रीय
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यूपी मंत्री दया शंकर सिंह का पत्नी स्वाति सिंह से तलाक, टूटा 22 साल पुराना रिश्ता
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लखनऊ, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने अपनी पत्नी स्वाति सिंह से तलाक ले लिया है। उनका 22 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है।

फैमिली कोर्ट ने आपसी सहमति से तलाक की इजाजत दी।

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2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति दया शंकर सिंह से तलाक लेने की अर्जी दी थी, जो मार्च 2022 में बलिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए थे।

उन्होंने अपनी पिछली याचिका को बहाल करने के लिए पिछले साल एक रिकॉल आवेदन दायर किया था, जिसे अदालत ने दोनों पक्षों की गैर-मौजूदगी के कारण खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उनकी अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उन्होंने अदालत को बताया कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

स्वाति सिंह ने अपनी याचिका में कहा, वह मंत्री भी बनीं और 2018 में उनकी तलाक की याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हो सकीं।

यह कहते हुए कि वह अब अपनी तलाक की याचिका पर जोर देना चाहती है और इस तरह खारिज के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए और याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए। उनके वकील ने रिकॉल अर्जी दाखिल करने में हुई देरी को माफ करने की मांग की।

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

स्वाति ने 2017 में लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और बलिया से उनके पति को मैदान में उतारा।

स्वाति सिंह ने जुलाई 2016 में सुर्खियां बटोरीं, जब उनके पति दया शंकर सिंह को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

इसके बाद एक रैली में बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए और एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग करते हुए कड़ा रुख अपनाया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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लखनऊ, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने अपनी पत्नी स्वाति सिंह से तलाक ले लिया है। उनका 22 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है।

फैमिली कोर्ट ने आपसी सहमति से तलाक की इजाजत दी।

2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति दया शंकर सिंह से तलाक लेने की अर्जी दी थी, जो मार्च 2022 में बलिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए थे।

उन्होंने अपनी पिछली याचिका को बहाल करने के लिए पिछले साल एक रिकॉल आवेदन दायर किया था, जिसे अदालत ने दोनों पक्षों की गैर-मौजूदगी के कारण खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उनकी अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उन्होंने अदालत को बताया कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

स्वाति सिंह ने अपनी याचिका में कहा, वह मंत्री भी बनीं और 2018 में उनकी तलाक की याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हो सकीं।

यह कहते हुए कि वह अब अपनी तलाक की याचिका पर जोर देना चाहती है और इस तरह खारिज के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए और याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए। उनके वकील ने रिकॉल अर्जी दाखिल करने में हुई देरी को माफ करने की मांग की।

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

स्वाति ने 2017 में लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और बलिया से उनके पति को मैदान में उतारा।

स्वाति सिंह ने जुलाई 2016 में सुर्खियां बटोरीं, जब उनके पति दया शंकर सिंह को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

इसके बाद एक रैली में बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए और एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग करते हुए कड़ा रुख अपनाया।

–आईएएनएस

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फैमिली कोर्ट ने आपसी सहमति से तलाक की इजाजत दी।

2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति दया शंकर सिंह से तलाक लेने की अर्जी दी थी, जो मार्च 2022 में बलिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए थे।

उन्होंने अपनी पिछली याचिका को बहाल करने के लिए पिछले साल एक रिकॉल आवेदन दायर किया था, जिसे अदालत ने दोनों पक्षों की गैर-मौजूदगी के कारण खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उनकी अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उन्होंने अदालत को बताया कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

स्वाति सिंह ने अपनी याचिका में कहा, वह मंत्री भी बनीं और 2018 में उनकी तलाक की याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हो सकीं।

यह कहते हुए कि वह अब अपनी तलाक की याचिका पर जोर देना चाहती है और इस तरह खारिज के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए और याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए। उनके वकील ने रिकॉल अर्जी दाखिल करने में हुई देरी को माफ करने की मांग की।

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

स्वाति ने 2017 में लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और बलिया से उनके पति को मैदान में उतारा।

स्वाति सिंह ने जुलाई 2016 में सुर्खियां बटोरीं, जब उनके पति दया शंकर सिंह को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

इसके बाद एक रैली में बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए और एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग करते हुए कड़ा रुख अपनाया।

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2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति दया शंकर सिंह से तलाक लेने की अर्जी दी थी, जो मार्च 2022 में बलिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए थे।

उन्होंने अपनी पिछली याचिका को बहाल करने के लिए पिछले साल एक रिकॉल आवेदन दायर किया था, जिसे अदालत ने दोनों पक्षों की गैर-मौजूदगी के कारण खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उनकी अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उन्होंने अदालत को बताया कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

स्वाति सिंह ने अपनी याचिका में कहा, वह मंत्री भी बनीं और 2018 में उनकी तलाक की याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हो सकीं।

यह कहते हुए कि वह अब अपनी तलाक की याचिका पर जोर देना चाहती है और इस तरह खारिज के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए और याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए। उनके वकील ने रिकॉल अर्जी दाखिल करने में हुई देरी को माफ करने की मांग की।

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स्वाति ने 2017 में लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और बलिया से उनके पति को मैदान में उतारा।

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उन्होंने अदालत को बताया कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

स्वाति सिंह ने अपनी याचिका में कहा, वह मंत्री भी बनीं और 2018 में उनकी तलाक की याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हो सकीं।

यह कहते हुए कि वह अब अपनी तलाक की याचिका पर जोर देना चाहती है और इस तरह खारिज के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए और याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए। उनके वकील ने रिकॉल अर्जी दाखिल करने में हुई देरी को माफ करने की मांग की।

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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स्वाति सिंह ने जुलाई 2016 में सुर्खियां बटोरीं, जब उनके पति दया शंकर सिंह को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

इसके बाद एक रैली में बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए और एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग करते हुए कड़ा रुख अपनाया।

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उन्होंने अदालत को बताया कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

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2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति दया शंकर सिंह से तलाक लेने की अर्जी दी थी, जो मार्च 2022 में बलिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए थे।

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उन्होंने अदालत को बताया कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

स्वाति सिंह ने अपनी याचिका में कहा, वह मंत्री भी बनीं और 2018 में उनकी तलाक की याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हो सकीं।

यह कहते हुए कि वह अब अपनी तलाक की याचिका पर जोर देना चाहती है और इस तरह खारिज के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए और याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए। उनके वकील ने रिकॉल अर्जी दाखिल करने में हुई देरी को माफ करने की मांग की।

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

स्वाति ने 2017 में लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और बलिया से उनके पति को मैदान में उतारा।

स्वाति सिंह ने जुलाई 2016 में सुर्खियां बटोरीं, जब उनके पति दया शंकर सिंह को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

इसके बाद एक रैली में बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए और एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग करते हुए कड़ा रुख अपनाया।

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2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति दया शंकर सिंह से तलाक लेने की अर्जी दी थी, जो मार्च 2022 में बलिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए थे।

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इस बीच, उन्होंने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं।

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