लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी
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लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी
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लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
–आईएएनएस
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लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
–आईएएनएस
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लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी
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लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपीएसआरटीसी के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।
विधानसभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।
परिवहन मंत्री ने इस दौरान परिवहन निगम की आय से संबंधित सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जोअब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।