नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने रविवार को कहा कि उन्होंने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो पांच साल से एटीएम के लिए 2.22 करोड़ रुपए की हेराफेरी से संबंधित एक मामले में फरार चल रहा था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान लखनऊ निवासी मोहम्मद अब्दुल कादिर के रूप में हुई है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, आरोपी ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 2.22 करोड़ रुपए की हेराफेरी के एक मामले में वांछित था, जिसका राष्ट्रीय और निजी बैंकों के साथ एटीएम में पैसे डालने का अनुबंध था।
मामला क्या है?
ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता संदीप जांगड़ा की शिकायत पर 2018 में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में 2,22,54,300 रुपए की राशि के गबन के संबंध में आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज किया गया।
कादिर ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम में रकम भरने के लिए कैश के कस्टोडियन के तौर पर काम कर रहा था।
23 फरवरी 2018 को आरोपी कंपनी को बिना बताए गायब हो गया। बाद में पता चला कि 2,22,54,300 रुपए की राशि का गबन किया गया है। उसके किराए के पते पर छापेमारी की गई, लेकिन वह फरार मिला। उसके हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी की गई, लेकिन वह हर बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा। बाद में उसे 2019 में अपराधी घोषित कर दिया गया।
क्राइम टीम को सूचना मिली कि कादिर को लखनऊ में देखा गया है और उसे पकड़ने के लिए एक टीम वहां भेजी गई।
अधिकारी ने कहा, यह पाया गया कि आरोपी गनेकापुरवा के आदिल नगर में किराए के मकान में रह रहा था। छापेमारी की गई और उसे पकड़ लिया गया।
अधिकारी ने कहा, कादिर को 42 एटीएम में कैश भरने का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन उसने एटीएम में पूरी रकम नहीं भरी और कथित कैश की रकम का गलत इस्तेमाल किया।
–आईएएनएस
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