लखनऊ, 15 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (यूपीएसआईएफएस) के पहले शैक्षणिक सत्र (2023-24) में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करना शुरू कर दिया है।
यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
–आईएएनएस
सीबीटी
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लखनऊ, 15 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (यूपीएसआईएफएस) के पहले शैक्षणिक सत्र (2023-24) में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करना शुरू कर दिया है।
यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
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फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
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फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
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यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
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यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
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राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
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फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
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यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
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बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
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यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
–आईएएनएस
सीबीटी
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लखनऊ, 15 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (यूपीएसआईएफएस) के पहले शैक्षणिक सत्र (2023-24) में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करना शुरू कर दिया है।
यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
–आईएएनएस
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लखनऊ, 15 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (यूपीएसआईएफएस) के पहले शैक्षणिक सत्र (2023-24) में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करना शुरू कर दिया है।
यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।
–आईएएनएस
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लखनऊ, 15 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (यूपीएसआईएफएस) के पहले शैक्षणिक सत्र (2023-24) में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करना शुरू कर दिया है।
यह संस्थान युवाओं को फॉरेंसिक विशेषज्ञ बनने में मदद करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संस्थान से पढ़ने वाले छात्र न केवल फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों के विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से आपराधिक मामलों की जांच समय पर पूरी करना सुनिश्चित कर सकेगी। संस्थान आपराधिक मामलों का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने फीस को 12 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर रखा है।
प्रवेश फॉर्म सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों के लिए 250 रुपये में होंगे। उम्मीदवार 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई के मध्य से शुरू होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्थान में फॉरेंसिक से जुड़े पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
इन पाठ्यक्रमों के लिए 160 छात्रों का नामांकन किया जाएगा।
यूपीएसआईएफएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जी.के. गोस्वामी ने कहा, हम फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रमों, बीएससी/एमएससी फोरेंसिक साइंस, फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षा में पीजी डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा, डीएनए फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा, और फोरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा पेश कर रहे हैं।
फॉरेंसिक साइंस पांच साल का कोर्स है, अन्य चार एक साल के डिप्लोमा कोर्स हैं।
बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस कोर्स में कम से कम 40 छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा, जबकि शेष चार डिप्लोमा कोर्सों में 30-30 छात्रों का नामांकन होना है।