लखनऊ, 23 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप्स सेक्टर में एक नया रुझान सामने आया है। इस क्षेत्र में महिला भागीदारी सबसे ज्यादा देखी जा रही है। यहां जितने भी नए स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हुए हैं, उनमें इनकी संख्या सबसे ज्यादा है, जो प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रही मजबूत पहल का संकेत देती है।
यूपी आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट के डाटा के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में कुल 8,713 से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर्ड हैं, जिसमें से 4,305 से अधिक स्टार्टअप महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। इन्हें डीपीआईआईटी ने भी मान्यता दी है।
यूपी आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट के विशेष सचिव अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में स्टार्टअप की दुनिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसी के तहत महिला उद्यमियों को अतिरिक्त 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।
बता दें कि विभाग द्वारा एक स्टार्टअप के लिए कुल 7.5 लाख की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है। अगर स्टार्टअप में 26 प्रतिशत से अधिक से भागीदारी होती है तो 50 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है। ऐसे में महिला उद्यमी को 3 लाख 75 हजार की अतिरिक्त अनुदान धनराशि दी जाती है।
इसके अलावा उन्हें एक वर्ष के लिए प्रति माह 17,500 रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया जाता है। विभाग की इसी योजनाओं का फायदा उठाकर प्रदेश की करीब चार से अधिक आदिशक्तियों ने अपने सपनों को उड़ान दी। प्रदेश की ऐसी ही दो नारीशक्ति (नेहा और अनुष्का) हैं जिन्होंने न केवल स्टार्टअप तैयार कर आत्मनिर्भर बनीं बल्कि आधी आबादी के लिए प्रेरणा बन गयी हैं।
लखनऊ की नेहा मिश्रा ने बताया कि वो साफ्टेवयर इंजीनियर हैं। उन्होंने कई संस्थानों में काम किया है। कुछ कठिन व्यक्तिगत परिस्थितियों से जूझना पड़ा। इस दौरान वह अमेरिका की एक कंपनी स्टॉक एक्सचेंज की जॉब कर रही थीं। कोरोना महामारी की वजह से उन्होंने लखनऊ की ओर रूख किया। ऐसे में उन्होंने वित्तीय साक्षरता को खुद के साथ दूसरे के लिए भी जरूरी समझा और अपना खुद का स्टार्टअप तैयार करने की ठानी।
उन्होंने सीएम की मंशा के अनुरूप स्टार्टअप तैयार किया। इसके लिए उन्हे आईटी एंड इलेक्ट्रानिक डिपार्टमेंट से संपर्क किया। विभाग की मदद से उन्होंने लोगों को फाइनेंशियल प्रॉब्लम फेस न करनी पड़े, इसके लिए वर्ष 2020 में द फिन लिट नाम से स्टार्टअप तैयार किया। इसके जरिये वह लोगों को आर्थिक साक्षर बना रही हैं।
वह द फिन लिट स्टार्टअप से लोगों को इंवेस्टमेंट की बारिकियां के विभिन्न पहलुओं, इंश्योरेंस, रिटायर्डमेंट प्लान के बारे में अवगत करा रही हैं ताकि उन्हे विशेष परिस्थितियों में वित्तीय सहायता के लिए न भटकना पड़े और न ही किसी के सामने हाथ फैलाना पड़े।
नेहा ने कुछ समय पहले ही ऐप भी तैयार किया है जिसे अब तक पांच हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है।
लखनऊ के जानकीपुरम की अनुष्का ने लघु उद्योग को बढ़ावा देने, हस्तशिल्पियों व हाउस वाइफ आदि की कलाकारी को नया प्लेटफॉर्म देने के उद्देश्य से द एनिमिस्ट अर्थ नाम से स्टार्टअप शुरू किया। इसके जरिये उन्होंने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों के हस्तशिल्पियों को अपने स्टार्टअप के जरिए देश में नई पहचान दी है।
अनुष्का के स्टार्टअप पर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के करीब 100 से अधिक हस्तशिल्पी और हाउस वाइफ जुड़ी हुई हैं। उनके द्वारा बनाए गए करीब 50 से 60 होम मेड प्रोडक्ट स्टार्टअप पर उपलब्ध हैं। अनुष्का ने बताया कि उनके स्टार्टअप पर उपलब्ध सारे प्रोडेक्ट होम मेड और हाथों से बनाए गए हैं।
इन सभी प्रोडेक्ट की खासियत यह है कि ये इको फ्रेंडली हैं। इन प्रोडक्ट की 10 रुपए से शुरू है जबकि सबसे बड़े प्रोडक्ट की कीमत 1200 रुपये है। अनुष्का ने स्टार्टअप के जरिये जहां खुद को स्वावलंबी बनाया है वहीं दूसरी ओर वह अपने साथ कई लोगों को स्वावलंबी बना रही हैं।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी