नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
–आईएएनएस
पीएसएम/केआर
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
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ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
–आईएएनएस
पीएसएम/केआर
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है।
उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है। इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है। यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए।
यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की।
डॉक्टर अमित कुमार के मुताबिक, “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है। कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े। कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है।”
अगला सवाल यही है कि फिर करें तो करें क्या? कैसे बचें? डॉक्टर अमित कहते हैं कि यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शराब को बंद कर देना या इसका कम से कम सेवन करना है। साथ ही अरहर, चना की दाल, राजमा, छोले और पनीर, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाले चीजों का सेवन एक दम बंद कर देना चाहिए। इन सारी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसको खाने से यूरिक एसिड स्तर बढ़ सकता है।
ये तो हुआ परहेज तो फिर क्या करें कि सब कंट्रोल रहे? डॉक्टर साहब की सलाह है कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेकर यूरिक एसिड लेवल पर काबू पा सकते हैं।
हां एक बात और जोड़ों में दर्द रहता है तो फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन और प्यूरीन की मात्रा को कम करता है और इस कारण यूरिक एसिड स्वतः नियंत्रण में आ जाता है।
भारत का उत्तरी कोना हो या फिर दक्षिणी, एक चीज जो भोजन में आवश्यक रूप से शामिल होती है वो है दाल। अमूमन हर घर में रोज पकती है। लेकिन बढ़े यूरिक एसिड की वजह से परेशान मरीजों को किसी भी दाल के सेवन की मनाही होती है। फिर भी मन कर रहा है तो मूंग और उड़द की दाल का उचित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।