नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। सुबह की पहली किरण के साथ योगासन करने की सलाह तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि योगासन के लिए खाली पेट रहना क्यों जरूरी है? योग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य गुरुओं का मानना है कि खाली पेट योगासन करना न केवल आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और भरपूर ऊर्जा भी देता है।
योग4लाइफ की को-फाउंडर और योगा ट्रेनर कविता अरोड़ा ने बताया कि योगासन के समय खाली पेट क्यों रहना चाहिए। उन्होंने बताया, “योगासन करते समय पेट पर दबाव पड़ता है और अगर आपने खाना खाने के बाद योग किया तो इस प्रेशर के कारण ग्रासनली से खाना ऊपर की ओर आने लगता है और शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जैसे गैस्ट्रिक समस्याएं, एसिडिटी, खट्टी डकार आदि।”
उन्होंने आगे बताया, “भोजन करने के तुरंत बाद योगासन करने से न केवल पाचन प्रक्रिया बाधित हो सकती है बल्कि इसके कारण कई समस्याएं भी हो सकती हैं। यह प्राइमरी रूल है कि खाना खाने के बाद शरीर की ऊर्जा पाचन क्रिया पर लगती है। लेकिन, खाने के बाद यदि हम एक्सरसाइज करने लगें तो वही एनर्जी योग पर लग जाती है, जिसका प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। खाना खाने के बाद योगासन नहीं करना चाहिए, इसके पीछे एक और वजह यह भी है कि जब पेट भरा रहता है तो आप बहुत सारे आसन को अच्छे से नहीं किया जा सकता।”
आयुर्वेद और योग के जानकारों का मानना है कि जब हम खाना खाते हैं, तो शरीर की ऊर्जा पाचन में लग जाती है। ऐसे में योग आसनों के लिए जरूरी लचीलापन और एकाग्रता प्रभावित होती है। खाली पेट योगासन करने से शरीर की सारी ऊर्जा आसनों और प्राणायाम में लगती है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और अंगों को ऑक्सीजन मिलता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी खाली पेट योगासन के फायदे साफ हैं। खाना खाने के बाद पेट में रक्त प्रवाह पाचन के लिए केंद्रित होता है। अगर इस दौरान योग या आसन करते हैं, तो पेट पर दबाव पड़ सकता है, जिससे अपच, जी मचलना या असहजता हो सकती है। खाली पेट योग करने से शरीर हल्का रहता है और यह लचीलापन और मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है।
हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि खाना खाने के बाद 5 से 10 मिनट वज्रासन जरूर करना चाहिए। उन्होंने आगे बताया, “कम से कम तीन से साढ़े तीन घंटे का गैप रखना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आपने दोपहर दो बजे लंच किया है तो शाम पांच से छह बजे के बीच योग कीजिए। फिर इससे कोई मुश्किल नहीं होगी। इससे पाचन प्रक्रिया पर भी असर नहीं पड़ेगा।
–आईएएनएस
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