deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

रक्षा मंत्रालय ने अगली पीढ़ी के 11 ओपीवी के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

by
March 30, 2023
in राष्ट्रीय
0
रक्षा मंत्रालय ने अगली पीढ़ी के 11 ओपीवी के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

READ ALSO

अहमदाबाद प्लेन क्रैश: राजस्थान के पांच लोगों की दर्दनाक मौत से घरों में पसरा मातम

अहमदाबाद विमान हादसा : अमित शाह ने एकमात्र जीवित बचे यात्री से की मुलाकात

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

बाइ (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 11 ओपीवी के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए गए।

अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को जीएसएल और चार जहाजों को जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।

अधिकारियों ने कहा कि इन जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी जैसे कि एंटी-पायरेसी, काउंटर-घुसपैठ, एंटी-पोचिंग, एंटी-ट्रैफिकिंग, गैर-लड़ाकू निकासी संचालन, खोज और बचाव (एसएआर), अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा आदि।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी।

एनजीएमवी स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता वाले भारी हथियारों से लैस युद्ध पोत होंगे। जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों और जमीनी ठिकानों के खिलाफ आक्रामक क्षमता प्रदान करना होगा।

इन जहाजों के स्वदेशी निर्माण से एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत आत्मानिर्भर भारत के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

Related Posts

राष्ट्रीय

अहमदाबाद प्लेन क्रैश: राजस्थान के पांच लोगों की दर्दनाक मौत से घरों में पसरा मातम

June 12, 2025
राष्ट्रीय

अहमदाबाद विमान हादसा : अमित शाह ने एकमात्र जीवित बचे यात्री से की मुलाकात

June 12, 2025
राष्ट्रीय

पटना में ईडी की बड़ी कार्रवाई, अंडर सेक्रेट्री के ठिकानों पर छापेमारी

June 12, 2025
राष्ट्रीय

नित्यानंद राय ने एनडीए सरकार की गिनाईं उपलब्धियां, बोले – ‘बिहार का व्यापक विकास मोदी सराकर की प्राथमिकता’

June 12, 2025
राष्ट्रीय

‘हम सभी के लिए मुश्किल दिन’, अहमदाबाद विमान हादसे पर एयर इंडिया के सीईओ ने जताया दुख

June 12, 2025
राष्ट्रीय

जम्मू-कश्मीर : मनोहर लाल ने बिजली और शहरी विकास से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा की

June 12, 2025
Next Post
मणिपुर सरकार म्यांमार के शरणार्थियों को हिरासत केंद्रों में रखेगी

मणिपुर सरकार म्यांमार के शरणार्थियों को हिरासत केंद्रों में रखेगी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084134
Total views : 5891280
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In