नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सीजन 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी है। सरकार ने किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है।
इस निर्णय से किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा। वहीं, देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
केंद्र सरकार ने रबी फसलों के लिए एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। एमएसपी में सबसे ज्यादा वृद्धि कुसुम के लिए 600 रुपए प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 300 रुपए प्रति क्विंटल की गई है। रेपसीड और सरसों, चना, जौ और गेहूं के लिए क्रमशः 250 रुपए प्रति क्विंटल, 225 रुपए प्रति क्विंटल, 170 रुपए प्रति क्विंटल और 160 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने केंद्र सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। रबी फसलों के एमएसपी में रिकॉर्ड वृद्धि और दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन दोनों ही कदम किसानों के भविष्य को नई दिशा देंगे।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दाल उत्पादन मिशन के तहत वर्ष 2030-31 तक 350 लाख टन दाल उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें 11,440 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। यह कदम देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इसके साथ ही, 84,263 करोड़ रुपए की लागत से एमएसपी भुगतान की ऐतिहासिक व्यवस्था की गई है, जो मोदी सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है।
तरुण चुग ने आगे कहा कि किसानों के लिए सरकार की अन्य पहलों में किसान सम्मान निधि के तहत बिना किसी मध्यस्थ के सीधे किसानों के बैंक खातों में राशि हस्तांतरण और कृषि बजट को 25,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपए करना शामिल है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरदासपुर में किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना और त्वरित कार्रवाई करते हुए ये ऐतिहासिक फैसले लिए।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर बार की तरह बिना मांगे किसानों के हित में बड़े कदम उठा रहे हैं। केंद्र सरकार का निर्णय न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
–आईएएनएस
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