तिरुवनंतपुरम, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कासरगोड की तीन महिलाओं के लिए यह एक सपना सच होने जैसा था, जिन्होंने केरल की पहली महिला दोपहिया कार्यशाला की गौरवान्वित भागीदार बनने के लिए खुद को रसोई से बाहर सड़क पर ले आईं।
जब ज्यादातर महिलाएं दिन के समय रसोई में परिवार के लिए भोजन तैयार करने में अपना समय बिताती हैं, वहीं इन महिलाओं के फुर्तीले हाथ नई वर्कशॉप में दोपहिया वाहनों के इंजन, नट, बोल्ट और केबल पर स्पैनर के साथ काम करते हैं।
महिलाओं को सपनों को पंख देने वाला केरल सरकार का महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम कुदुम्बश्री था, जो उन्हें मैकेनिक में बदलने के लिए ट्रेनिंग देता है। ट्रेनिंग के बाद बिन्सी, मर्सी और बिंटू ने कासरगोड के भीमनपाडी में अपनी दोपहिया वर्कशॉप खोली।
मर्सी ने कहा, ”हम बहुत खुश हैं कि हमने एक साथ आने और अपना उद्यम शुरू करने का फैसला किया है। हमेशा रसोई में जाने से यह एक अच्छा कदम रहा है।”
बिंटू ने कहा, “मैंने हमेशा ड्राइविंग का आनंद लिया है और अब हमने जो किया है वह एक कदम आगे बढ़ गया है।”
बिन्सी ने कहा, “यह एक सपने के सच होने जैसा है और अब जब हमने शुरुआत कर दी है, तो हम खुद को इस क्षेत्र में बनाए रखना चाहते हैं और साबित करना चाहते हैं कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं।”
उनके नए उद्यम के बारे में खबरें तेजी से फैलने के साथ, दोपहिया वाहन मालिकों ने पूरी तरह से महिला दोपहिया वर्कशॉप (सिग्नोरा) में आना शुरू कर दिया है।
–आईएएनएस
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