रांची, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड की राजधानी रांची रविवार को लगातार दूसरे दिन भारतीय वायुसेना के फाइटर विमानों और उनके पायलटों के अद्भुत कौशल का गवाह बनी। शहर के नामकुम खोजाटोली स्थित आर्मी ग्राउंड में वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम ने हॉक जेट विमानों के साथ आसमान में साहसिक, अनुशासित, हैरतअंगेज और लयबद्ध प्रदर्शन किया।
इसके पहले शनिवार को भी इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारी वायुसेना के शौर्य और पराक्रम का अतीत बेहद गौरवशाली रहा है। यह एयर शो न सिर्फ वायुसेना के जुनून, अनुशासन, पराक्रम का प्रदर्शन है, बल्कि रक्षा के क्षेत्र में देश की लगातार बढ़ती ताकत का भी परिचायक है। रांची के लोग इस अद्भुत, अद्वितीय और अलौकिक एयर शो को देखकर मंत्रमुग्ध हैं।
उन्होंने आसमान में करतब का प्रदर्शन करने वाले पायलटों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि आपने हॉक विमानों के जरिए रांची के आसमान में तिरंगे की जो छाप बनाई, वह हम सबके दिल में अमिट बन गई। आसमान में उभरे तिरंगे ने, हमारे मन-मस्तिष्क में सैन्य शक्ति के प्रति हमारी श्रद्धा को और बढ़ा दिया। एयर शो के पहले चरण में छह विमानों ने करीबी संरचना बनाते हुए उड़ान भरी, जबकि दूसरे चरण में इन विमानों ने मात्र 100 फुट की ऊंचाई पर करतब दिखाए।
इस पल का गवाह बनने पहुंचे हजारों लोग पायलटों के कौशल और कारनामों से रोमांचित हो उठे। वायु सेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू ने बताया कि बार इस एरोबेटिक्स टीम का गठन वर्ष 1996 में हुआ था। 2011 तक किरण विमान से टीम ने इतिहास रचा। इसके बाद 2015 में टीम का पुनर्गठन किया गया और इसमें हॉक मार्क 23 विमान शामिल किए गए। उन्होंने बताया कि 27 वर्षों की अब तक की यात्रा में सूर्यकिरण टीम ने 72 शहरों में 700 से ज्यादा एयर शो किए हैं। देश के बाहर सिंगापुर, चीन और थाईलैंड में भी इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है।
–आईएएनएस
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