शिमला, 3 जनवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला और सुक्खू सरकार में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल के नौतोड़ संबंधी मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को मंजूरी ना देने पर उनके खिलाफ सड़कों पर उतरने की बात कही थी। मंत्री के इस बयान पर राज्यपाल ने शुक्रवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राजभवन किसी के चुनावी वादों को पूरा करने के लिए नहीं है।
राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में राजभवन ने सरकार से पात्र लाभार्थियों की सूची मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि राजभवन ने सरकार से पूछा है कि नौतोड़ के तहत कितने लोगों के आवेदन आए है और उनके नाम क्या है, उसकी सूची दिखाएं। जिसे सरकार उपलब्ध नहीं करवा पाई है, इसके कारण इसको मंजूरी नही दी जा रही है। किसी के चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राजभवन नहीं है।
राज्यपाल ने मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वह सरकार के मंत्री है, राजभवन ने उन्हें शपथ दिलाई है। वो भले ही राजभवन का अनादर करें, हम उनका सम्मान करते हैं। इसके बाद सरकार और राजभवन में नौतोड़ संशोधन विधेयक की स्वीकृति पर तकरार बढ़ गई है।
बीते दिनों मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा था कि इस संबंध में राज्यपाल से पांच बार मुलाकात की गई है। पक्ष और विपक्ष के विधायकों के साथ साथ जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों और पंचायत प्रतिनिधियों ने भी राज्यपाल से मुलाकात की है। इसके अलावा राज्यपाल जब किन्नौर दौरे पर थे, तो उस दौरान भी प्रतिनिधिमंडलों ने मुलाकात कर इस प्रस्ताव को मंजूरी देने की गुहार लगाई थी। राज्यपाल इस प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन मंजूरी दे भी नहीं रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंजूरी न देने के पीछे कारण क्या है, ये समझ से परे है। अब एक बार फिर से कोशिश की जाएगी, राज्यपाल से मुलाकात कर फिर से आग्रह किया जाएगा कि वह इस प्रस्ताव को मंजूरी दें, ताकि जनजातीय क्षेत्रों में लोगों को लाभ मिल सके। लेकिन अगर फिर भी मंजूरी नहीं मिलती है, तो संविधान में दिए गए अधिकार के मुताबिक शांतिपूर्ण विरोध का इस्तेमाल करेंगे और जरूरत पड़ी तो जनमानस के साथ सड़कों पर भी उतरेंगे।
–आईएएनएस
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