जयपुर, 9 फरवरी (आईएएनएस)। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने शुक्रवार को वित्त मंत्री दीया कुमारी द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बजट देखने में ऐसा लगता है कि जैसे इसे डायरेक्ट दिल्ली से भेजा गया हो।
उन्होंने कहा, ”यह बजट पूरी तरह से पूर्व की सरकारों पर लगाया गया आरोपों का पुलिंदा है। यह दिशाविहिन और गुमराह करने वाला बजट है। यह महज चुनावी बजट है। इसमें प्रदेश के चौतरफा विकास के लिए किसी भी प्रकार का विजन नहीं है। बजट में पूरी तरह से दलित, किसान, युवा और मध्यमवर्गीय परिवार की उपेक्षा की गई है।”
उन्होंने आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री मोदी की गांरटी बजट से गायब है। चुनाव प्रचार के दौरान खुद पीएम मोदी ने वादा किया था कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो सबसे पहले हम पेट्रोल-डीजल में लगने वाले वैट के दरों को कम करेंगे और पेट्रोल-डीजल को हरियाणा के बराबर करे देंगे, लेकिन अब यह महज उनका वक्तव्य बनकर ही रह गया।”
इतना ही नहीं, ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना’ को लेकर भी लगातार झूठ पर झूठ बोला जा रहा है।”
उन्होंने कहा, ”पूर्व की गहलोत सरकार ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना’ को अपने संसाधन के बलबूतेे ही आगे लेकर गई। ईसरदा बांध और नवनेरा बांध बनाए गए, जिसका हवाई सर्वेक्षण हाल ही में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने किया था।”
उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार कृषि के लिए एक अलग बजट लेकर आई थी, जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि आगामी दिनों में किस तरह से किसानों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए फायदा पहुंचाया जाए।
यही नहीं, उन्होंने पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार को भी आड़े हाथों लिया, जिसमें उन्होंने कहा, ”वसुधंरा सरकार ने प्रदेश की जनता पर ढाई गुना कर्ज छोड़ दिया था। ”
विपक्ष के नेता ने कहा, “गहलोत सरकार ने इसे केवल डेढ़ गुना तक सीमित कर दिया और राजस्थान की जीडीपी पूरे देश में दूसरे स्थान पर रही।”
उन्होंने कहा, ”यूपीए सरकार केे दौरान देश पर 55 लाख करोड़ रुपए का कर्जा था, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर साल 2014 तक 161 लाख करोड़ रुपए कर दिया। मोदी सरकार ने महज 10 सालों में देश के कर्ज को तीन गुना कर दिया।”
–आईएएनएस
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