नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। ईडी ने कथित जल जीवन मिशन घोटाला मामले में राजस्थान में 26 स्थानों पर तलाशी के बाद 2.21 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें 48 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 1.73 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस शामिल है।
ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। ईडी ने कथित जल जीवन मिशन घोटाला मामले में राजस्थान में 26 स्थानों पर तलाशी के बाद 2.21 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें 48 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 1.73 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस शामिल है।
ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। ईडी ने कथित जल जीवन मिशन घोटाला मामले में राजस्थान में 26 स्थानों पर तलाशी के बाद 2.21 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें 48 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 1.73 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस शामिल है।
ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
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ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
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ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
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ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। ईडी ने कथित जल जीवन मिशन घोटाला मामले में राजस्थान में 26 स्थानों पर तलाशी के बाद 2.21 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें 48 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 1.73 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस शामिल है।
ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। ईडी ने कथित जल जीवन मिशन घोटाला मामले में राजस्थान में 26 स्थानों पर तलाशी के बाद 2.21 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें 48 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 1.73 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस शामिल है।
ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। ईडी ने कथित जल जीवन मिशन घोटाला मामले में राजस्थान में 26 स्थानों पर तलाशी के बाद 2.21 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें 48 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 1.73 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस शामिल है।
ईडी की टीमों ने निजी व्यक्तियों के अलावा, एसीएस (पीएचईडी) सुबोध अग्रवाल सहित वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली।
ईडी का मामला एसीबी राजस्थान द्वारा श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।
शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस, बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें एक संदिग्ध फर्म द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”ईडी की जांच से पता चला कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर्स हासिल करने में शामिल थे। कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।”
ईडी ने आगे कहा कि तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 1.73 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस सहित कुल 2.21 करोड़ रुपये, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अब तक इस मामले में कुल 11.03 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी शामिल है।