जोधपुर, 21 जुलाई (आईएएनएस)। राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने पुलिस भर्ती में ऊपरी सीमा में पांच वर्ष की छूट को कायम रखने की बात कही है।
कानून मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एक समाचार पत्र द्वारा कहा गया है कि पुलिस नियम में पुलिस कर्मचारियों के ऊपरी सीमा में 5 वर्ष की जो छूट है, उसको समाप्त कर दिया गया है। सर्वप्रथम जब 1996 में हमने नियम बनाए, पुलिस भर्ती में कर्मचारियों के ऊपरी सीमा में दो वर्ष की छूट दी गई थी।
साल 2000 में इसे दो से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया था और 2024 में फिर से इसे पांच वर्ष किया गया। जब इस बार पांच वर्ष किया गया, तो पिछले पांच वर्ष को भूलवश डिलीट करना रह गया था। इसलिए एक ही नियम के दो बार अंकित हो जाने के चलते एक नियम को डिलीट किया गया है। पुलिस भर्ती में ऊपरी सीमा में मिली पांच वर्ष की छूट आज भी कायम है।
जैसलमेर में बने रहे फर्जी आईडी कार्ड को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी सीबीआई जांच होगी। सरकार ने तुरंत संज्ञान लेते हुए इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है। मामले की गंभीरता इससे भी समझी जा सकती है कि यह जिला पाकिस्तान की सीमा से लगता हुआ है। भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बड़ी़ संख्या में फर्जी आधार कार्ड बनाए गए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा में इस पूरे मामले की गहनता से जांच आवश्यक है। इस मामले की जांच को सीबीआई को देना तय किया गया है। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है, इसके साथ तीन फरार चल रहे हैं, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा के पटल पर यह घोषणा की है कि राजस्थान में जितने भी ई मित्र धारक हैं, उन सब की गहनता से जांच की जाएगी। साथ ही सभी ई मित्र संचालकों के एक वर्ष के रिकॉर्ड भी जांच किए जाएंगे। रिकॉर्ड के आधार पर देखा जाएगा कि उन्होंने किन-किन लोगों के आधार कार्ड और दस्तावेज एक वर्ष में बनाए हैं। इसके साथ ही जिस स्थान पर मशीन को अलॉट किया गया है, वहां ना चला कर दूसरे स्थान पर मशीन का संचालन करने वाले ई मित्र धारकों की जांच भी की जा रही है। प्रथम चरण की जांच में 14 मशीनें जांच के दायरे में आई हैं, जो फर्जी तरह से संचालित की जा रही थीं, उन्हें अब बंद कर दिया गया है।
अब पूरे राजस्थान में सघन अभियान चलाकर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले ई मित्र की पहचान की जाएगी। इसके साथ ही उन ई मित्रों को भी पाबंद किया जाएगा, जो नियमों से विपरीत अधिक पैसे वसूलते हैं। जो ई मित्र संचालक दस्तावेज बनाने के दौरान गलत नाम और डेट ऑफ बर्थ से दस्तावेज बनाते हैंं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
–आईएएनएस
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