जोधपुर, 24 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान वित्त आयोग के अध्यक्ष और भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी ने मंगलवार को जोधपुर से विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बयान दिए। इस दौरान उन्होंने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत को निशाना साधा।
अरुण चतुर्वेदी ने मानेसर मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मिली क्लीन चिट पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान ‘एफआईआर खत्म होने से केस कभी खत्म नहीं होता’ पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि गहलोत को लगता है कि पायलट को जेल होनी चाहिए।
अरुण चतुर्वेदी ने नवरात्रि पर गरबा आयोजनों में आधार कार्ड से एंट्री के विवाद पर भी सफाई दी और कहा, “गरबा और डांडिया नवरात्र के अवसर पर देवी की पूजा का हिस्सा हैं। इसमें हिंदू धर्म के मानने वाले जाते हैं। असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए आयोजक आधार कार्ड चेक कर रहे हैं, इसमें कोई बड़ी बात नहीं।”
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर गहलोत के बयान ‘आरोपियों को फांसी हो जानी चाहिए’ पर चतुर्वेदी ने पलटवार करते हुए कहा, “गहलोत पहले बताएं कि उन्होंने घटना को लीपा-पोती क्यों की? यह सहज हत्या नहीं थी। एक ट्वीट के बाद पुलिस ने इसे हटाया, लेकिन सुरक्षा नहीं दी। कन्हैयालाल को सुरक्षा का पूरा अधिकार था, लेकिन गहलोत सरकार ने नहीं दिया। कानून अपनी प्रक्रिया में आगे बढ़ रहा है, लेकिन गहलोत के बयान उचित नहीं। गहलोत को किस बात की पीड़ा हो रही है, समझ नहीं आता।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जीएसटी अनुचित अनुदान के आरोप पर चतुर्वेदी ने कहा, “जीएसटी के सभी निर्णय जीएसटी काउंसिल में सर्वसम्मति से लिए जाते हैं। निर्णय के समय बंगाल के प्रतिनिधि मौजूद थे।”
उन्होंने जीएसटी को पीएम मोदी का कांसेप्ट बताते हुए कहा, “शुरू में 11 लाख करोड़ की आय 23 लाख करोड़ हो गई। “67 हजार से 1.72 लाख लोग जुड़े। हाल ही में चार स्लैब को दो कर दिया, जो आम आदमी के घर में क्रांति लाएगा। बजट कम होगा। ममता को इससे पीड़ा हो रही है, क्योंकि मोदी साहसी निर्णय ले रहे हैं।”
वोट चोरी के आरोपों पर कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस लगातार संस्थानों पर आरोप लगाती है और जनता में अविश्वास पैदा करती है। हिमाचल में जीतें तो ईवीएम ठीक, राजस्थान में हारें तो वोट चोरी। अगर नाम गलत हो तो सुधार का प्रावधान है।”
नरेश मीणा के थप्पड़कांड और आंदोलन पर उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों को पहले सुन लेना चाहिए। जो राशि पहुंचाई गई है, उसके तथ्य जांच लें। उसके बाद आरोप लगाएं।”
बता दें कि मीणा को देवली-उनियारा उपचुनाव में एसडीएम पर थप्पड़ मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनके समर्थकों ने हिंसा की। चतुर्वेदी ने सरकार की ओर से जांच और मुआवजे की बात दोहराई, लेकिन मीणा के जयपुर आंदोलन की चेतावनी को राजनीतिक स्टंट बताया।
–आईएएनएस
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