जयपुर, 8 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बीच मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
सोमवार को कांग्रेस विधायकों की कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग पर वेल में नारेबाजी जारी रही, जिससे सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। लंच के बाद दोपहर 2 बजे सदन शुरू होते ही कांग्रेस विधायक वेल में आ गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे।
सदन में कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक लगातार हंगामा कर रहे थे। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने विधेयक पर चर्चा शुरू कराई, लेकिन सिर्फ दो विधायक ही अपनी बात रख पाए। शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी और सादुलपुर से भाजपा विधायक मनोज न्यांगली ने मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक पर विचार व्यक्त किए। कांग्रेस का हंगामा न रुका, जिस पर स्पीकर ने उन्हें सीट पर लौटकर चर्चा में भाग लेने को कहा, लेकिन कांग्रेस विधायक कानून व्यवस्था पर चर्चा की जिद पर अड़े रहे।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, “हम निवेदन कर रहे हैं, कृपया एक दिन कानून व्यवस्था पर चर्चा करा दो।”
स्पीकर ने विधेयक को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी को सीट पर जाने को कहा, लेकिन हंगामा न थमने पर इसे ध्वनिमत से पारित घोषित कर दिया।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “राजस्थान की 8 करोड़ जनता इनका यह व्यवहार देख रही है। विधानसभा की परंपरा का सम्मान न करना, बिना वजह वेल में आकर पर्चे लहराना और एक-दूसरे का विरोध करना, यह सब जनता देख रही है। कांग्रेस के पास न कोई विजन है न कोई मुद्दा। वे सिर्फ हो-हल्ला मचाते हैं। इससे उनकी संस्कृति का पता चलता है।”
जोगाराम पटेल के अलावा अन्य भाजपा विधायकों ने भी वेल में आकर “कांग्रेस हाय-हाय” के नारे लगाए। हंगामा बढ़ने पर स्पीकर देवनानी ने सदन को दोपहर 3 बजे तक स्थगित कर दिया। कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी कांग्रेस विधायक वेल में ही बैठे रहे।
वहीं, विपक्ष का कहना है कि कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, जबकि सत्ताधारी दल इसे राजनीतिक ड्रामा बता रहा है। सदन में शांति बहाल होने पर आगे की कार्यवाही संभव है।
–आईएएनएस
एसएचके/वीसी