देहरादून, 2 अगस्त (आईएएनएस)। राजस्व अभिलेखागार से रिकॉर्ड गायब करने वाले भूमाफिया के खिलाफ एसआईटी को बड़ी सफलता मिली है। एसआईटी ने बरेली से पहली गिरफ्तारी भूमाफिया मक्खन सिंह के रूप में की है।
दरअसल, राजस्व अभिलेखागार से पत्रावलियां गायब कर उनकी जगह फर्जी पत्रावलियां लगाने और रैनापुर में करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने के मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है।
भूमाफिया मक्खन सिंह को बरेली से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित मूलरूप से पीलीभीत का रहने वाला है। उसने अन्य साथियों के साथ मिलकर करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की थी।
बीते दिनों राजस्व अभिलेखागार से रिकॉर्ड गायब होने का मामले सामने आया था। इसमें ऋषिकेश तहसील में पड़ते रैनापुर ग्रांट में सीलिंग की 70 बीघा से अधिक जमीन की फाइल गायब हुई थी। मामले में अभिलेखागार के कार्मिक देवेंद्र सुंदरियाल की तहरीर पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
जांच में सामने आया कि पीलीभीत के रहने वाले आरोपी मक्खन सिंह ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाएं और कार्यालय से मूल दस्तावेज गायब कर उसकी जगह में फर्जी दस्तावेज लगा दिए। विवेचना में शहर कोतवाली पुलिस की ओर से बीते दिनों राजस्व अभिलेखागार का रिकॉर्ड जब्त कर इसकी जांच की। विवेचना में सामने आया कि जो फर्जी दस्तावेज लगाई गई है वह मक्खन सिंह के नाम से लगाई गई है।
आरोपी ने जमीन प्रेमलाल से खरीदी हुई दिखाई। शाम को पुलिस ने आरोपी मक्खन सिंह को बरेली से गिरफ्तार कर लिया, जिसे मंगलवार को कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि मामले में नामजद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के आधार पर जल्द अन्य की गिरफ्तारी भी की जाएगी।
आरोपी मक्खन सिंह 70 वर्ष का है, जब पुलिस ने उससे पूछताछ करनी चाही तो उसने तरह-तरह के बहाने बनाते हुए पुलिस को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। अब पुलिस पता लगा रही है कि आरोपी ने किस अधिकारी व कर्मचारी के साथ मिलकर फर्जी रजिस्ट्री बनवाई और मूल रजिस्ट्री की जगह फर्जी रजिस्ट्री लगवा दी। पुलिस जल्द ही सांठगांठ करने वाले आरोपियों को भी गिरफ्तार कर सकती है।
रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रियों के साथ छेड़छाड़ के मामले की भी जांच चल रही है। इस मामले में शहर कोतवाली में सहायक महानिरीक्षक निबंधन की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रकरण में भूमाफिया सहित रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारी भी रडार पर हैं।
पुलिस उत्तराखंड गठन से अब तक उप निबंधक कार्यालय प्रथम व द्वितीय में कार्यरत उप निबंधक व निबंधक लिपिकों की जांच में जुटी हुई है। यहां भूमाफिया ने अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर रजिस्ट्रियों/भूमि अभिलेखों में फर्जीवाड़ा किया। भूमाफिया ने रिकार्ड में हेरफेर कर स्वामित्व बदल डाले और मूल रिकार्ड तक गायब कर दिए गए। जांच के मुताबिक, फर्जी रजिस्ट्रियों में हाथ की लिखावट, स्याही, मुहर और पेज में भिन्नता पाई गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एबीएम