कोलकाता, 7 जनवरी (आईएएनएस)। दार्जिलिंग से भाजपा के लोकसभा सदस्य राजू बिष्ट और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के प्रमुख बिमल गुरुंग के बीच उनके आवास पर हुई अचानक मुलाकात ने पहाड़ी इलाकों में ताजा राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है।
गुरुंग, हमरो पार्टी के संस्थापक अजय एडवर्डस और बिनॉय तमांग, जिन्होंने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी, पहले ही अनित थापा के नेतृत्व वाले भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) और तृणमूल कांग्रेस के संयुक्त मोर्चे के खिलाफ गठबंधन के स्पष्ट संकेत दे चुके हैं।
ऐसे में शुक्रवार रात हुई बैठक ने गुरुंग पर भगवा खेमे के साथ अपने पुराने संबंधों को फिर से हासिल करने और इस तरह एडवर्डस और तमांग के साथ अपने नवगठित गठबंधन को भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी का समर्थन देने की अटकलों को हवा दी है।
शनिवार को राजू बिष्ट और गुरुंग ने मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया और कुछ सूक्ष्म संकेत दिए, जिससे पहाड़ों में नए सिरे से राजनीतिक समीकरण की अटकलें तेज हो गईं।
2019 के लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग से अपनी जीत के पीछे गुरुंग द्वारा निभाई गई भूमिका को स्वीकार करते हुए राजू बिष्ट ने कहा कि वर्तमान में भाजपा के साथ कोई आधिकारिक गठबंधन नहीं होने के बावजूद, जीजेएम प्रमुख के उनके साथ व्यक्तिगत संबंध अभी भी बरकरार हैं।
उन्होंने कहा, चूंकि मैं पहाड़ियों में था, इसलिए मैं उन निजी संबंधों को ध्यान में रखते हुए उनसे मिलने गया।
दूसरी ओर, गुरुंग ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने स्थानीय लोकसभा सदस्य को गोरखा समुदाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धताओं की याद दिलाई। मैंने उनसे गोरखालैंड के लिए काम करने का अनुरोध किया।
लंबे समय तक भूमिगत रहने के बाद, गुरुंग 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद पहाड़ियों पर लौट आए और भाजपा के साथ अपना नाता तोड़ लिया और साथ ही तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
हाल के दिनों में, वह अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन में निष्क्रिय रहे थे।
–आईएएनएस
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