हैदराबाद, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमएससी में उस्मानिया यूनिवर्सिटी की टॉपर विष्णु वचन मुरपाका को तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के हस्तक्षेप के बाद प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक प्रदान किया जाएगा।
उनकी अपील के बाद, राज्यपाल ने अग्रणी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक से संपर्क किया, जिसने टॉपर के लिए स्वर्ण पदक को प्रायोजित करने की पेशकश की।
राजभवन ने एक विज्ञप्ति में कहा कि विष्णु वचन को 31 अक्टूबर को दीक्षांत समारोह के दौरान प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक प्रदान किया जाएगा।
इससे पहले, टॉपर को बताया गया था कि उसे स्वर्ण पदक नहीं मिलेगा क्योंकि कोई स्पॉन्सरनहीं था। उन्हें दीक्षांत समारोह में भाग लेने से भी रोक दिया गया था।
राज्यपाल ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एला और प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला से संपर्क किया।
दोनों ने उदारतापूर्वक जेनेटिक्स टॉपर के लिए स्वर्ण पदक प्रायोजित करने की पेशकश की। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह परोपकारी भाव वैज्ञानिक समुदाय के भीतर प्रतिभा को पहचानने और उसका पोषण करने के लिए भारत बायोटेक की दृढ़ प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
तमिलिसाई ने उनकी अपील पर त्वरित प्रतिक्रिया देने और आनुवंशिक विज्ञान को आगे बढ़ाने और युवा विद्वानों के बीच उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए उनके अटूट समर्पण के लिए कृष्णा एला और सुचित्रा एला की हार्दिक सराहना की।
इससे पहले विष्णु वंचना ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की थी क्योंकि उन्हें इस आधार पर स्वर्ण पदक से वंचित कर दिया गया था कि उनके विभाग के पास कोई स्पॉन्सर नहीं है।
विष्णु वचन मुरापका ने राज्यपाल को लिखा कि यह निराशाजनक है कि उन्हें स्मृति चिन्ह या अन्य प्रकार का पुरस्कार भी नहीं दिया जा रहा है।
उनके पिता एम.एस.आर वेंकट रमण ने आईएएनएस को बताया था कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया है कि वह 31 अक्टूबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में भी वह शामिल नहीं हो सकती हैं क्योंकि समारोह केवल पीएचडी और स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए है।
हैदराबाद की रहने वाली विष्णु वचना ने 2022 में उस्मानिया विश्वविद्यालय के जेनेटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी विभाग से जेनेटिक्स में मास्टर डिग्री पूरी की। वह वर्तमान में सीएसआईआर-सीसीएमबी (सेलुलर और आणविक जीवविज्ञान केंद्र) में डॉक्टरेट की डिग्री (पीएचडी) कर रही हैं।
तेलंगाना महिला विश्वविद्यालय कोटि हैदराबाद से जेनेटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक करने के बाद उन्होंने एमएससी करने के लिए उस्मानिया विश्वविद्यालय को चुना।
छात्रा ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा, “हालाँकि मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि जेनेटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी विभाग से विश्वविद्यालय के टॉपर्स को कोई स्वर्ण पदक नहीं दिया जाता है, जबकि अन्य विभाग जैसे कि कार्बनिक रसायन विज्ञान भौतिकी, प्राणीशास्त्र, वनस्पति विज्ञान सूक्ष्म जीव विज्ञान और कई अन्य विभाग ऐसा करते हैं। सिर्फ स्वर्ण पदक ही नहीं, मेरी उपलब्धि के लिए स्मृति चिन्ह या कम से कम प्रमाण पत्र जैसी कोई अन्य प्रशंसा नहीं है।”
जब विष्णु वचना ने इसे कुलपति प्रो. डी. रविंदर और रजिस्ट्रार प्रो. पप्पुला लक्ष्मीनारायण के संज्ञान में लाया तो उन्होंने उन्हें बताया कि किसी को स्वर्ण पदक के लिए पैसे दान करने होंगे और किसी ने जेनेटिक्स और जैव प्रौद्योगिकी विभाग को दान नहीं दिया है।
–आईएएनएस
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