नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर के ‘संवेदनशील’ मामले को ‘बहुत असंवेदनशील तरीके’ से संभाला है और स्थानीय लोग पिछले चार वर्षों से प्रतिनिधित्व विहीन हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों की इच्छा को नजरअंदाज किया जा रहा है और सरकार राज्य के बाहर से लाए गए अधिकारियों के जरिए निरंकुश तरीके से काम कर रही है।
सिंह ने यह बात राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो विधेयकों पर बहस के दौरान कही।
सिंह ने कहा, “(केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह जी और पूरी भाजपा अपने-अपने तरीके से इतिहास को विकृत करने की कोशिश करती है। लेकिन आज अगर जम्मू-कश्मीर और विशेषकर कश्मीर घाटी हमारी है, तो इसका पूरा श्रेय पंडित (जवाहरलाल) नेहरू जी और शेख अब्दुल्ला जी को जाता है।”
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर का मुद्दा संवेदनशील है, लेकिन आज राज्य में निरंकुशता है और वहां के निवासियों से कोई सलाह नहीं ली जा रही है, उनकी भावनाओं की अनदेखी की जा रही है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा अचानक छीन लिया गया और अब केंद्र सरकार इसे बहाल करने का प्रस्ताव दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का मामला संवेदनशील है और “हमें वहां के हालात को समझने की जरूरत है।”
जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर बहस में भाग लेते हुए सिंह ने कहा कि वह विस्थापित लोगों के लिए आरक्षण के पक्ष में रहे हैं, लेकिन इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। क्या वहां के स्थानीय लोगों के लिए मौजूदा आरक्षण को कम किया जाएगा।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं।
सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी का कारण भी जानना चाहा, जैसा कि उन्होंने दिन में दावा किया था। हालांकि, शाह ने तुरंत कहा कि वहां कोई भी नजरबंद नहीं है।
शाह ने कहा, “एल-जी ने सुबह ही इस पर स्पष्टीकरण दे दिया है। वह जहां चाहें जा सकती हैं। हम सुरक्षा भी प्रदान करेंगे।”
इसके बाद सिंह ने फिर से जवाब में कुछ टिप्पणियां कीं, जिससे सत्ता पक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि यह गलत आरोप है। इसके तुरंत बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सिंह की टिप्पणियों को यह कहते हुए रिकार्ड से हटाने का निर्देश दिया कि यह व्यक्तिगत टिप्पणी और पूर्वाग्रहपूर्ण थी।
कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा, “नेहरू जी की कैबिनेट के फैसले के कारण ही जम्मू-कश्मीर हमारे देश में है।”
कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने कहा, ”अमित शाह जी ने कहा था- जैसे ही जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो जाएंगे, हम वहां चुनाव कराएंगे और इसे राज्य का दर्जा देंगे। मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगी कि ऐसा हुए 4 साल हो गए हैं,.लेकिन आज तक न तो वहां हालात सामान्य हो पाए हैं और न ही उसे राज्य का दर्जा मिल सका है।”
उच्च सदन की मंजूरी के बाद दोनों विधेयक सोमवार शाम को संसद द्वारा पारित कर दिए गए।
–आईएएनएस
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