नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यसभा में मंगलवार को एक खास नजारा देखने को मिला। सदन में बहस के दौरान कुछ देर के लिए अध्यक्ष, वक्ता और वेल के टेबल स्टाफ में सभी ओर केवल महिलाएं ही थीं।
राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि पहली बार यह ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला है। मंगलवार को राज्यसभा में ऐसा तब हुआ जब राज्यसभा सदस्य ममता मोहंता सदन में बोल रही थीं।
इस दौरान राज्यसभा में फांगनोन कोन्याक कार्यवाही की अध्यक्षता कर रही थीं। इसके साथ ही सदन के वेल में टेबल पर जो अधिकारी थे, उनमें भी सभी महिलाएं थीं।
गौरतलब है कि हाल ही में राज्यसभा के उपाध्यक्षों के पैनल में पीटी उषा समेत चार महिला सांसदों को नामित किया गया है।
खास बात यह है कि उपाध्यक्षों के पैनल में नामांकित की गईं, सभी महिला सदस्य पहली बार राज्यसभा की सांसद बनी हैं।
मानसून सत्र से पहले पुनर्गठित पैनल में कुल आठ नाम हैं, जिनमें से आधी महिलाएं हैं। उच्च सदन (राज्यसभा) के इतिहास में यह पहली बार है कि उपाध्यक्षों के पैनल में महिला सदस्यों को समान प्रतिनिधित्व दिया गया है।
राज्यसभा के सभापति ने उपाध्यक्षों के पैनल में लैंगिक समानता लाते हुए पचास प्रतिशत महिला सदस्यों को नामांकित किया।
एस. फांगनोन कोन्याक नागालैंड से राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं। उपाध्यक्षों के पैनल में नामांकित महिला सदस्यों में पीटी उषा, एस. फांगनोन कोन्याक, डॉ. फौजिया खान, सुलता देव भी शामिल हैं।
–आईएएएस
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