नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा 11 अगस्त को सदन से निलंबित कर दिए गए थे। सोमवार को 115 दिनों के बाद उनका निलंबन वापस हो गया। इसके बाद राघव चड्ढा संसद पहुंचे। यहां उन्होंने चर्चा में भाग लेते हुए आईफोन स्नूपिंग अलर्ट का मुद्दा उठाया।
उन्होंने डाकघर संशोधन विधेयक, 2023 का विरोध किया और अक्टूबर में विपक्षी सदस्यों और पत्रकारों के आईफोन पर स्पाइवेयर सूचनाओं के मुद्दे पर प्रकाश डाला। चड्ढा ने इस मामले में पारदर्शी सरकारी प्रतिक्रिया और गहन जांच का आह्वान किया। कथित गोपनीयता उल्लंघनों पर चिंता व्यक्त करते हुए चड्ढा ने स्थिति की गंभीरता पर जोर दिया और इन अधिसूचनाओं की एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग की।
उन्होंने तर्क दिया कि नागरिकों के निजता के अधिकारों पर गंभीर प्रभाव को देखते हुए ऐसी जांच महत्वपूर्ण है। चड्ढा ने एक सांसद की निजता के अधिकार के उल्लंघन पर सवाल उठाया और कहा, “अगर एक सांसद की निजता के अधिकार का इस तरह से उल्लंघन किया जा रहा है, तो एक आम नागरिक की क्या स्थिति होगी।”
राघव चड्ढा ने सोमवार को चर्चा के दौरान राज्यसभा में कहा कि वह स्वयं भी आईफोन स्नूपिंग का निशाना थे। आम आदमी पार्टी के युवा सांसद ने इस पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी से कराए जाने की मांग की है।
बता दें कि कथित तौर पर 31 अक्टूबर को राघव चड्ढा सहित विपक्ष के कई नेताओं को ऐप्पल से एक अधिसूचना मिली थी, जिसमें उन्हें उनके फोन पर संभावित स्पाइवेयर हमले के बारे में चेतावनी दी गई थी। अधिसूचना में जिक्र था, “यदि आपके डिवाइस के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, संचार, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफ़ोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं।”
–आईएएनएस
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