रांची, 5 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में ‘पीजी ट्रेंड शिक्षक नियुक्ति परीक्षा-2016’ की मेरिट लिस्ट वेबसाइट पर जारी नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए जेएसएससी (झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) के चेयरमैन को तलब किया है। उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। शिक्षक नियुक्ति मामले में कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है। इस पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में यह बात लाई गई कि झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया है।
कोर्ट ने जेएसएससी को राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था, लेकिन उसने ऐसा नहीं करके अभ्यर्थियों का अलग-अलग स्कोर कार्ड जारी किया है। जेएसएससी की ओर से भी यह बात स्वीकार की गई कि वेबसाइट पर स्कोर कार्ड अपलोड किया गया है।
पिछली सुनवाई में जेएसएससी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सभी विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट वेबसाइट पर 10 दिन में अपलोड कर दी जाएगी। राज्य के हाईस्कूलों में शिक्षकों के 17,786 रिक्त पदों पर नियुक्ति का यह विवाद पूर्व में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था।
सोनी कुमारी नामक अभ्यर्थी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2016 के नियुक्ति विज्ञापन के आधार पर राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट बनाकर शिक्षकों की नियुक्ति का निर्देश दिया था। इसी आदेश का हवाला देते हुए मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था, उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होने चाहिए, क्योंकि उन्होंने कटऑफ से ज्यादा मार्क्स लाया है। अगर शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के अनुसार उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।
–आईएएनएस
एसएनसी/एबीएम