जयपुर, 2 मार्च (आईएएनएस)। राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा दक्ष भवनों के निर्माण के लिए राजस्थान ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता नियम-2023 को मंजूरी दे दी। इससे भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा की खपत कम होगी।
कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी से पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी। ऊर्जा दक्ष उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जायेगा तथा ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलायी जायेगी। जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भरता और प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग से देश की आर्थिक प्रगति में योगदान मिलेगा।
साथ ही एक जून, 2002 से दो से अधिक बच्चों वाली विधवाओं एवं परित्यक्त महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा नियुक्तियां देने के लिए विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
साथ ही एक जून, 2002 या उसके बाद दो से अधिक बच्चे वाले कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ देने के लिए विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन किया गया है।
राज्य मंत्रिपरिषद ने शासकीय मेडिकल कॉलेज, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सोसाइटी और मेडिकल कॉलेज में एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस और छात्राओं की तर्ज पर एमबीबीएस सीटों के लिए ओबीसी और एमबीसी नॉन-क्रीमी लेयर के उम्मीदवारों की ट्यूशन फीस माफ करने का भी फैसला किया है। राजस्थान चिकित्सा शिक्षा सोसायटी। सत्र 2022-23 से एमबीसी व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को शिक्षण शुल्क माफी का लाभ मिल सकेगा।
जोधपुर में राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट से जुड़े बिल को भी मंजूरी मिल गई है। फिनटेक इंस्टीट्यूट का बिल अब विधानसभा में रखा जाएगा।
यह संस्थान एक डीम्ड पब्लिक यूनिवर्सिटी की तरह काम करेगा। इसमें डिजिटल और वित्तीय प्रौद्योगिकी डोमेन में सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाएंगे। यहां फिनटेक उत्पादों को डिजाइन और तैनात करने की सुविधा होगी। फिनटेक इनोवेशन इकोसिस्टम भी यहां विकसित होगा।
इसके अलावा जोधपुर में सिटी इनोवेशन क्लस्टर के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑफ थिंग्स इनोवेशन हब (एआईओटी) की स्थापना के लिए सेक्शन-8 कंपनी बनाने की मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट ने तीन नई नीतियों को मंजूरी दी है। इसमें राजस्थान राज्य वन नीति, जलवायु परिवर्तन नीति और राजस्थान ई-कचरा प्रबंधन नीति शामिल हैं।
राजस्थान राज्य वन नीति राज्य में वनों के व्यवस्थित विकास और प्रबंधन की सुविधा प्रदान करेगी जो प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को प्रोत्साहित करेगी और रोजगार के अवसर पैदा करेगी।
साथ ही राज्य में सभी संबंधित हितधारकों के संरक्षण, जीर्णोद्धार, प्रबंधन और भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के अतिदोहन को रोकने एवं उनके सतत् उपयोग के उद्देश्य से जलवायु परिवर्तन नीति का अनुमोदन किया गया है। इस नीति के लागू होने से प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में कमी आएगी। ई-कचरा प्रबंधन नीति ई-अपशिष्ट को कम करने, पुन: उपयोग करने और पुनर्चक्रण करने और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस नीति के कार्यान्वयन से राज्य में ई-अपशिष्ट को कम करने, वैज्ञानिक रूप से निपटान, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण में मदद मिलेगी और हवा, पानी, मिट्टी और अन्य पर्यावरणीय क्षति को कम करने में मदद मिलेगी।
–आईएएनएस
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