जबलपुर. अपने कारनामों की वजह से लगभग पूरे प्रदेश में कुख्यात हो चुकी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) प्रबंधन एक बार फिर सुर्खियों में हैं. कभी परीक्षा की निर्धारित तिथी में परीक्षा लेना भूलने, कभी परीक्षा लेने में देरी तो कभी निर्धारित तिथी पर देरी से प्रश्न पत्र वितरण की वजह से अक्सर सुर्खियां बटोरने वाले रादुविवि प्रबंधन इस बार एक साथ थोक के भाव विद्यार्थियों को अनुतीर्ण किए जाने से चर्चाओं में हैं.
बताया जा रहा हैं कि एमएससी केमिस्ट्री विषय के तृतीय सेमेस्टर के परीक्षा परिणामों ने विद्यार्थियों के पैरों तले जमीन खिसका दी. एक दो नहीं बल्कि एक साथ करीब 200 विद्यार्थी परीक्षा में अनुतीर्ण हो गए हैं.
एजेंसी पर फोड़ा जा रहा ठीकरा
रादुविवि के इस परीक्षा परिणाम को लेकर एजेंसी पर ठीकरा फोड़ा जा रहा हैं. बताया जा रहा हैं कि एजेंसी की गलती से इस तरह के परिणाम सामने आए. रादुविवि सूत्रों के अनुसार परीक्षा परिणाम तैयार करने की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को दी गई थी.
उससे बड़ी गलती हो गई एजेंसी ने कथित तौर पर छात्रों की अंकसूची में नंबरों का हेरफेर कर दिया जिसके कारण आधे से ज्यादा विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हो गए. छात्रों ने इस गड़बड़ी की शिकायत रादुविवि प्रशासन तक पहुंचाई, जिसके बाद प्रबंधन के साथ परीक्षा एवं गोपनीय शाखा में हड़कंप का माहौल हैं.
4 सौ से अधिक परीक्षार्थी प्रभावित
बताया जा रहा हैं कि कथित तौर पर एजेंसी या फिर रादुविवि की गोपनीय शाखा की इस चूक से करीब 400 से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं. रादुविवि प्रबंधन ने अपने स्तर पर जांच कराई गई तो सामने आया कि एजेंसी ने परीक्षा परिणामों में भारी चूक की थी. बताया गया कि प्रैक्टिकल परीक्षा के अंकों की जगह सीसीई के नंबर जोड़ दिए गए, इसके कारण कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर जैसे क्षेत्रों के कई कॉलेजों के छात्र अनुतीर्ण घोषित कर दिए गए.
दोबारा जारी किया जाएगा परीक्षा परिणाम
रिजल्ट में हुई गड़बड़ी सामने आने के बाद रादुविवि प्रशासन ने आनन-फानन में परिणाम में सुधार किया हैं. इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक डॉ. रश्मि मिश्रा ने बताया कि परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी थी जिसे संशोधित कर दोबारा जारी किया जा रहा हैं.